लखनऊ के सिविल अस्पताल में थायराइड जांच पर ब्रेक, दर्जनों नमूने हुए खराब
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में पिछले तीन हफ्ते से थायराइड जांच पर तकनीकी दिक्कतों का ब्रेकर लग गया है। इस दौरान कई बार तकनीकी विशेषज्ञ को अस्पताल बुलाया गया और मशीन को ठीक कराने का प्रयास भी किया गया।
लखनऊ, जेएनएन। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में पिछले तीन हफ्ते से थायराइड जांच पर तकनीकी दिक्कतों का ब्रेकर लग गया है। इस दौरान कई बार तकनीकी विशेषज्ञ को अस्पताल बुलाया गया और मशीन को ठीक कराने का प्रयास भी किया गया। कुछ समय के लिए मशीन ठीक भी हो जाती है, लेकिन घंटे दो घंटे चलने के बाद फिर यह बंद हो जाती है। इससे सभी मरीजों की थायराइड जांच समय पर नहीं हो पा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं दर्जनों मरीजों की थायराइड जांच के लिए इकट्ठा किए गए नमूने भी खराब हो चुके हैं।
जिन मरीजों ने दो-तीन हफ्ते पहले थायराइड जांच के लिए अपनी रक्त के नमूने दिए थे, उन्हें अभी भी रिपोर्ट आने का इंतजार है। बहुत से मरीज रिपोर्ट नहीं मिलने से अपने डॉक्टर को नहीं दिखा पा रहे हैं। वहीं कुछ अन्य मरीजों को निजी पैथोलॉजी में भी जांच करवानी पड़ रही है। ताकि समय पर उनकी जांच रिपोर्ट मिल सके और वह अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकें। थायराइड की सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं में देखी गई है। गर्भवती महिलाओं में थायराइड की समस्या होने पर उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन महिलाओं की थायराइड जांच जरूर कराई जाती है, जिससे कि डॉक्टर उन्हें उचित परामर्श व इलाज दे सकें। सिविल अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों ने बताया कि कुछ लोगों की थायराइड रिपोर्ट तो मिल रही है, लेकिन जांच करते समय मशीन खराब हो जाने पर कुछ लोगों की रिपोर्ट नहीं आ पा रही है।
पैथोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ अजय शंकर त्रिपाठी कहते हैं कि मशीन 15- 20 दिन पहले खराब हुई थी, जिसे ठीक कराया गया था। वह चल रही थी। एक-दो दिन पहले फिर दिक्कत आई थी, जिसे फिर ठीक कराया गया। कई बार उसकी ग्रैबिंग कैपेसिटी काम नहीं करती है। इस वजह से नमूने जांचने में दिक्कत होती है। मगर अब इसे ठीक करा लिया गया है।