लखनऊ के क्वीनमेरी अस्पताल में होगी खून की जांच, ब्लड के लिए नहीं लगाने होंगे केजीएमयू के चक्कर
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की दिक्कतों को दूर करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। यहां प्रदेश भर से गर्भवती महिलाएं ओपीडी में आ रही हैं। पैथोलॉजी शुरू होने से मरीजों की दिक्कतें कम होंगी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में गर्भवती महिलाओं को और बेहतर इलाज मिलेगा। मरीजों को खून की जांच के लिए मुख्य परिसर तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं खून भी मिलेगा। शनिवार को विभाग में पैथोलॉजी यूनिट व ब्लड बैंक ईकाई की शुरुआत हुई।
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया। कुलपति ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की दिक्कतों को दूर करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। यहां प्रदेश भर से गर्भवती महिलाएं ओपीडी में आ रही हैं। गंभीर अवस्था में महिलाएं भर्ती की जा रही हैं। पैथोलॉजी शुरू होने से मरीजों की दिक्कतें कम होंगी। खून भी जल्द मिलेगा। इससे इलाज में किसी भी तरह की लेटलतीफी की आशंका पर काफी हद तक विराम लगेगा।
क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष डॉ. उमा सिंह ने कहा कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा रेफरल केंद्र है। यहां हर माह लगभग 900 से1000 प्रसव हो रहे हैं। ओपीडी में हर महीने करीब 10 हजार महिलाओं को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भर्ती होने वाली अधिकांश महिलाओं में गंभीर जटिलताएं होती हैं। उन्हें तत्काल गहन प्रसूति देखभाल की आवश्यकता होती है। बेहतर इलाज के लिए 24 घंटे पैथोलॉजी सेवाएं शुरू की गई हैं। इससे रक्त के नमूने एकत्र करने और परिसर में जांच रिपोर्ट देने में मदद मिलेगी। यह कम समय में संभव होगा। इमरजेंसी में भर्ती होने वाली अधिकांश महिलाओं को अपने जीवन को बचाने के लिए खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। रक्त की शीघ्र व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अब परिसर में रक्त भंडारण इकाई शुरू की गई है।
कार्यक्रम में सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. यूएस सिंह, ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. वाहिद और डॉ. प्रीति अग्रवाल मौजूद रहीं।