Unnao Case : दोषी सिद्ध होते ही खतरे में सेंगर की विधायकी, पार्टी से निष्कासन के बाद अब जाएगी सदस्यता

Unnao Case अभी तक पुलिस के रेकार्ड से बाहर रहे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ इस मामले ने उनके राजनीतिक करिअर पर ब्रेक लगा देगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 04:24 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 05:40 PM (IST)
Unnao Case : दोषी सिद्ध होते ही खतरे में सेंगर की विधायकी, पार्टी से निष्कासन के बाद अब जाएगी सदस्यता
Unnao Case : दोषी सिद्ध होते ही खतरे में सेंगर की विधायकी, पार्टी से निष्कासन के बाद अब जाएगी सदस्यता

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव कांड से जुड़े दुष्कर्म और अपहरण मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत से भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दोषी करार होते ही उनके राजनीतिक भविष्य पर काले बादल छा गए हैं। अभी तक पुलिस के रेकार्ड से बाहर रहे विधायक के खिलाफ इस मामले ने उनके राजनीतिक करिअर पर ब्रेक लगा देगा। सेंगर के खिलाफ पहली बार दर्ज हुए केस में दोषी करार होने के बाद अब उनकी सजा का एलान होते ही उनके चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगेगा ही विधानसभा की सदस्यता भी चली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के 13 जुलाई, 2010 के आदेश के मुताबिक तीन साल से ज्यादा की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता खत्म हो जाती है। इस बात से उनके हितैषियों व स्वजनों में बेचैनी और बढ़ गई है।

जानकार बताते हैं कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर जिस मामले में दोषी करार दिये गए हैं, उससे पहले उनके खिलाफ कभी भी कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। बीते दिनों दुष्कर्म मामले में आरोपित विधायक व सह आरोपित शशि सिंह पर फैसला कोर्ट ने सुरक्षित किया था। इस मामले में सोमवार को विधायक दोषी करा हो गए हैं। अब कोर्ट में उनकी सजा पर 17 दिसंबर बहस होगी। विधिक जानकारों के अनुसार इस फैसले के बाद विधायक का राजनीतिक भविष्य चौपट हो गया है। अब उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली जाएगी, हालांकि ऊपरी अदालत में अपील के बाद यह मामला विचाराधीन भी हो सकता है।

जानकार यह भी बताते हैं कि विधायक को सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से चार बार विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को एक अगस्त, 2019 में भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। कुलदीप सेंगर के दोषी करार होते ही एलआईयू ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। विधायक के उन विपक्षियों जिनके नाम वहां दर्ज हैं और जिन्हें सुरक्षा मिली हुई है, उन्हें मुस्तैद किया गया है। हिदायत दी है कि वह लोग बिना सुरक्षा के कहीं न जाएं। 

विधायक अशोक चंदेल की गई थी सदस्यता

इससे पहले हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। चंदेल हमीपुर में 2007 में राजीव शुक्ला के भाई-भतीजों समेत 5 लोगों की हत्या में दोषी पाए गए थे। इस चर्चित हत्याकांड में उनके साथ ही 11 अन्य लोगों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल, 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानसभा में उनका स्थान सजा वाले दिन से रिक्त घोषित करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।

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