यूपी में सियासी अटकलों का बाजार गर्म, बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल से की मुलाकात

यूपी कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह रविवार को आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से भी मिलने पहुचे हैं। हालांकि राधा मोहन सिंह ने इस भेंट को शिष्टाचार मुलाकात बताया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 09:17 AM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 04:40 PM (IST)
यूपी में सियासी अटकलों का बाजार गर्म, बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल से की मुलाकात
यूपी कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह आज राज्यपाल से मुलाकात की।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। इन दिनों यूपी में योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में बदलाव या विस्तार की चर्चाएं गरमाई हुई हैं। इन अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह शनिवार को लखनऊ पहुंचे। रविवार को उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। उसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से भी मिलने पहुंचे हैं। हालांकि राधा मोहन सिंह ने इस भेंट को शिष्टाचार मुलाकात बताया है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तर प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कैबिनेट में बदलाव या विस्तार की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने दिमाग में खयालों की खेती करें तो क्या किया जा सकता है। संगठन और सरकार अच्छी तरह चल रहे हैं। यूपी सरकार और संगठन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रीमंडल में जो पद खाली हैं, वे भरे जाएंगे। इन सभी पदों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उचित समय पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में हमारी अच्छी जीत हुई है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तैयारी है।

यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा कि मुझे उत्तर प्रदेश आए छह माह से ज्यादा वक्त हो गया है। इस दौरान मैं किसी वरिष्ठ नेता से नहीं मिल सका था। राज्यपाल मेरी पुरानी परिचित हैं और आज तक मिल नहीं पाया था। आज उसी औपचारिकता के तहत मिलने गया। इसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से उनके आवास पर मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष ने राधा मोहन का स्वागत किया।

बता दें कि अभी पिछले सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने तीन दिन का लखनऊ दौरा किया था। इस दौरान वह संगठन और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ अलग-अलग मिले थे। दोनों उप मुख्यमंत्रियों डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य बात की। हालांकि, लखनऊ से जाने से पहले बीएल संतोष ने ट्वीट कर योगी सरकार के कामकाज की तारीफ की थी और बदलाव की अटकलों को विराम देने की कोशिश की थी। अब प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के राज्यपाल से मिलने की सूचना इंटरनेट मीडिया में वायरल होने के बाद लोग अपने अपने तरीके से इस मुलाकात के मायने निकालने में जुटे हैं।

सरकार और संगठन को क्लीन चिट : बीएल संतोष ने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सेवा कार्या पर संगठन की पीठ थपथपा कर बदलाव की अटकलों को विराम लगा दिया था। उन्होंने ट्वीट करके योगी आदित्यनाथ के कोरोना महामारी से बचाव के प्रबंधन को न केवल सराहा वरन दिल्ली के मुख्यमंत्री पर तंज करके विरोधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। उन्होंने संदेश दे दिया कि प्रदेश में शीर्ष स्तर पर किसी फेरबदल की कोई गुंजाईश नहीं है। इससे पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह भी बदलाव की चर्चाओं को कपोल कल्पित करार दे चुके है। बीएल संतोष से बंद कमरे में बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ने और 300 के पार विधायक जिताने के लक्ष्य की बात कही।

सत्ता में वापसी के लिए दिया मंत्र : भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान वर्ष 2022 में सत्ता में वापसी के लिए सेवा, समर्पण, समन्वय व सादगी का मंत्र देते हुए कहा था कि कड़ी चुनौती पार करने को बड़ी तैयारी में अभी से जुट जाना होगा। उन्होंने शीर्ष स्तर पर बदलाव की अटकलों पर विराम लगाते हुए विपक्ष की धार कुंद करने की एक्शन प्लान भी समझाया। वरिष्ठ मंंत्रियों से अलग अलग एकांत में वार्ता करके उनके मन की बात भी सुनी और सेवा कार्यों से जनता का दिल चुनाव से पहले जीतने पर जोर दिया।

हर हाल में जीत हासिल करने का स्पष्ट संदेश : बीएल संतोष ने इस यूपी दौरे ने सिद्ध कर दिया है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश को लेकर बेहद गंभीर है। शायद यह पहला मौका रहा कि किसी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने तीन दिन के प्रवास में लगभग 26 घंटे चली विभिन्न बैठकों के जरिए फीड बैक लेने के साथ हर हाल में जीत हासिल करने का स्पष्ट संदेश भी दिया। डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्रियों को अपने मन की बात खुलकर कहने का न केवल मौका दिया वरन विपक्ष के दुष्प्रचार के छलावे में नहीं आने को आगाह भी किया। सेवा कार्यों को ही राजनीति का जरिया बनाने का संदेश दिया।

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