यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा के सहयोगी अपना दल के सुर अलग, दलित या पिछड़े को बनाने की मांग

भाजपा ने हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। लेकिन मोदी-योगी सरकार में साझेदार अपना दल (एस) ने अपने वोट बैंक का एजेंडा संभालते हुए सत्ता खेमे से अलग रुख अपनाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 08:53 AM (IST)
यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा के सहयोगी अपना दल के सुर अलग, दलित या पिछड़े को बनाने की मांग
भाजपा के सहयोगी अपना दल ने दलित या पिछड़े को यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने की मांग की है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा सदन में भारतीय जनता पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है। वह अपनी जातीय रणनीति के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा देगी, इसमें कोई संदेश नहीं। मगर, सीधी राह में कलह-कोलाहल भी है। न सिर्फ विपक्षी सपा ने विरोध की तैयारी की है, बल्कि भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के सुर भी अलग ही हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल की ओर से सरकार को पुनर्विचार का सुझाव देते हुए पिछड़े या दलित वर्ग से विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का सत्र 18 अक्टूबर को बुलाया गया है, जिसमें विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होना है। भाजपा ने ऐन चुनाव से पहले हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल को यह पद देने का फैसला किया है। इसके सहारे पार्टी वैश्य समाज को साधना चाहती है, लेकिन मोदी-योगी सरकार में साझेदार अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य ने अपने वोटबैंक का एजेंडा संभालते हुए सत्ता खेमे से अलग रुख अपनाया है। उन्होंने मांग की है कि दलित या अन्य पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधि को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाए।

फिलहाल, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद और विधान परिषद के सभापति पद पर इन वर्गों से संबंधित व्यक्ति नहीं हैं। इन वर्गों के विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। इससे सरकार का एक अच्छा संदेश जाएगा। पटेल का तर्क है कि 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने में पिछड़ा और दलित वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आशीष ने बताया कि वह सक्षम स्तर पर अपनी बात कह चुके हैं। निर्णय भाजपा के हाथ में है।

नितिन अग्रवाल को वाक ओवर नहीं देगी सपा : विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। भाजपा इस पद पर हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतार रही है। सपा नितिन को वाक ओवर नहीं देगी। पार्टी सीतापुर की महमूदाबाद सीट से छह बार के विधायक नरेन्द्र सिंह वर्मा पर दांव लगा सकती है।

शनिवार, रविवार को भी खुलेगा विधानसभा सचिवालय : विधानसभा सत्र और उसमें होने वाले उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए विधानसभा सचिवालय का संसदीय अनुभाग और कुछ अन्य कार्यालय गुरुवार को छुट्टी के दिन भी खुले रहे। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे भी कार्यालय आए थे। विधानसभा सचिवालय शनिवार और रविवार को अवकाश के दिनों में भी खुलेगा।

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