बायोप्सी से खुलता है खामोश किडनी का राज, इन परेशानियों को न करें Avoid-जरूर लें सलाह Lucknow News

इंडियन सोसायटी ऑफ रीनल एंड ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी का अधिवेशन। प्रत्यारोपण की सफलता भी बता सकती है किडनी बायोप्सी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 08:27 AM (IST)
बायोप्सी से खुलता है खामोश किडनी का राज, इन परेशानियों को न करें Avoid-जरूर लें सलाह Lucknow News
बायोप्सी से खुलता है खामोश किडनी का राज, इन परेशानियों को न करें Avoid-जरूर लें सलाह Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। किडनी की खराबी का मुख्य कारण है उसकी छन्नी का सही से काम न करना। यह खराबी पता करने में किडनी बायोप्सी की अहम भूमिका है। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआइ में इंडियन सोसायटी ऑफ रीनल एंड ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी के वार्षिक अधिवेशन के आयोजक हिस्टोपैथोलॉजिस्ट प्रो. मनोज जैन ने दी। 

उन्होंने बताया कि किडनी की कई परेशानियां ऐसी होती हैं, जिसका पता लगाकर केवल दवा से ही इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि कई बार किडनी के फिल्टर में सूजन हो जाती है। फिल्टर बहुत छोटी रक्त वाहिकाओं से बना होता है, जिसे ग्लोमेरुली कहा जाता है। सूजन अचानक शुरू होती है तो यह गंभीर हो सकता है। जब इसकी शुरुआत धीरे-धीरे होती है तो यह क्रॉनिक हो सकता है। प्रो. जैन ने बताया कि अधिवेशन में देश-विदेश से तीन सौ से अधिक हिस्टोपैथैलॉजिस्ट शामिल हुए हैं। इसमें किडनी की बीमारी पता करने के साथ ही प्रत्यारोपित किडनी की सफलता पता लगाने के लिए भी बायोप्सी में क्या देखना होता है, इसकी जानकारी दी जा रही है। संस्थान में रोज आठ से दस मरीजों में किडनी बायोप्सी नेफ्रोलॉजिस्ट कराते हैं।

आकार सामान्य तो किडनी बायोप्सी जरूरी

सूजन की स्थिति में कई बार अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में किडनी का आकार सामान्य निकलता है। ऐसे में किडनी बायोप्सी की आवश्यकता हो सकती है। बायोप्सी की रिपोर्ट से चिकित्सक को मरीज के लिए सबसे अच्छे इलाज की योजना बनाने में मदद मिलती है।

यह परेशानी तो लें सलाह जागने पर चेहरे पर सूजन, पानी जमा होने के कारण टखनों में सूजन भूरे रंग का मूत्र या मूत्र में रक्त आना मूत्र में झाग होना मूत्र में प्रोटीन मौजूद होना कम पेशाब होना फेफड़े में तरल का होना जिसके कारण खांसी और सांस लेने में दिक्कत होना उच्च रक्तचाप।

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