एक हजार बाइक चुराने वाले पग्गा को पुलिस ने लखीमपुर में दबोचा

पलक झपकते ही चाकू-पेचकश से तोड़ देता है बाइक का लॉक। 25 हजार का इनामी और 14 मुकदमे दर्ज हैं लखीमपुर में। पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखनऊ के साथ उत्तराखंड में भी की वारदात।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 09:15 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 09:15 PM (IST)
एक हजार बाइक चुराने वाले पग्गा को पुलिस ने लखीमपुर में दबोचा
एक हजार बाइक चुराने वाले पग्गा को पुलिस ने लखीमपुर में दबोचा

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखीमपुर पुलिस के हाथ एक ऐसा शातिर अपराधी पगविंदर सिंह  उर्फ पग्गा लगा है जिसे पलक झपकते ही किसी भी बाइक का लॉक तोडऩे में महारत हासिल है। यह काम वह महज चाकू और पेचकश के जरिए करता है और ताला टूटने के बाद गिरोह के अन्य साथी बाइक उड़ा ले जाते। पग्गा के गिरोह ने इस तरह एक-दो नहीं बल्कि करीब एक हजार बाइक पार कर दीं और इन्हें पड़ोसी देश नेपाल में खपा दिया। पग्गा का नेटवर्क लखीमपुर के साथ लखनऊ, शाहजहांपुर, पीलीभीत और उत्तराखंड में फैला है। अकेले लखीमपुर में ही उस पर 14 मुकदमे दर्ज हैं और 25 हजार का इनाम घोषित है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी उस पर छह मुकदमों का पता चला है।

पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर पग्गा व उसके एक साथी को रविवार देर शाम चोरी की पांच बाइकों के साथ गिरफ्तार किया है। एसपी राम लाल वर्मा के मुताबिक क्षेत्र के महेवागंज तिराहे के पास पग्गा पुत्र स्व. हजारा सिंह निवासी घोला फार्म थाना संपूर्णानगर व उसके साथी निरवैर सिंह पुत्र हरदयाल सिंह निवासी पड़रियातुला थाना भीरा को चोरी की दो बाइकों के साथ दबोच गया। इनकी निशानदेही पर चोरी की तीन और बाइकें भी पुलिस ने बरामद कीं। इनके दो अन्य साथी अमरजीत सिंह निवासी घोला फार्म थाना संपूर्णानगर व विपिन उर्फ कंपू निवासी मुहल्ला अंबेडकरनगर थाना पलिया मौके से भाग गए।

सात-आठ साल से कर है चोरियां

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पगविंदर उर्फ पग्गा का गिरोह पिछले सात-आठ साल से जरायम की दुनिया में सक्रिय है। इस दौरान उसने लूट से भी गुरेज नहीं किया। शातिर इतना कि हाल में पलिया में हुई पुलिस मुठभेड़ में वह गच्चा देकर निकल गया था। यह गिरोह अलग-अलग जिलों से बाइकें चुराकर नेपाल के धनगढ़ी और कैलाली जैसे स्थानों में औने-पौने दामों में ठिकाने लगा चुका है। उसके खिलाफ जिले के पलिया थाने में बाइक चोरी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।

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