यूपी में राज्यसभा चुनाव से पहले बीएसपी में बगावत, पांच विधायक पहुंचे विधानसभा; कहा- 'हम प्रस्तावक नहीं'

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिये बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रामजी गौतम के पांच प्रस्तावकों (विधायक) ने निर्वाचन अधिकारी से अपना नाम वापस लेने का आवेदन किया है। पांचों विधायक असलम चौधरी असलम राईनी मुज्तबा सिद्दिकी हाकम लाल बिंद गोविंद जाटव विधानसभा पहुंचकर आवेदन दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:18 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 05:06 PM (IST)
यूपी में राज्यसभा चुनाव से पहले बीएसपी में बगावत, पांच विधायक पहुंचे विधानसभा; कहा- 'हम प्रस्तावक नहीं'
बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम के चार प्रस्तावकों ने निर्वाचन अधिकारी से अपना नाम वापस लेने का आवेदन किया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में बगावत हो गई है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रामजी गौतम के पांच प्रस्तावकों (विधायक) ने निर्वाचन अधिकारी से अपना नाम वापस लेने का आवेदन कर दिया है। पांचों विधायक असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव विधानसभा पहुंचकर आवेदन दिया है। बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच हो रही है।

इस संबंध में बसपा विधानमंडल दल नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि सभी विधायक नामांकन के समय स्वयं मौजूद थे। उनको नाम वापसी का हक नहीं है। इस संबंध में साक्ष्य उपलब्ध करा दिए हैं। उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के यहां हलफनामा दाखिल कर कहा है कि विधायकों के हस्ताक्षर न करने की बात झूठी है। बसपा की ओर से पार्टी का पक्ष प्रस्तुत करने महासचिव सतीश मिश्रा भी विधानसभा पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि किसी प्रस्तावक को अपना नाम वापस लेने का प्रावधान नियमों में नहीं है। ऐसा होता है तो कोई चुनाव संपन्न नहीं हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव अब और दिलचस्प होता नजर आ रहा है। बीएसपी ने अपने प्रत्याशी रामजी गौतम की जीत का गणित ठीक होने का दावा किया था, लेकिन अब समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है। बसपा प्रत्याशी के दस प्रस्तावकों में से चार ने अपना नाम वापस लेने के लिए निर्वाचन अधिकारी को आवेदन दिया है। बताया जा रहा है कि इन विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी है।

इसके अलावा चर्चा यह भी है कि कई और विधायक मायावती के खिलाफ जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में फिलहाल बीएसपी के आधा दर्जन विधायक मौजूद हैं। कुछ और बसपा विधायक भी पहुंच सकते हैं। बसपा विधायक दल में बड़ी टूट की संभावना जताई जा रही है।

मौजूदा समीकरण के अनुसार, बीजेपी अपनी आठ सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर सकती है, जबकि समाजवादी पार्टी के पास भी जीतने का मौका है, लेकिन बसपा के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच मुकाबला हो सकता है और अब बसपा प्रत्याशी के प्रस्तावकों ने जो झटका दिया है, उससे मुश्किल अधिक बढ़ गई है।

बता दें कि रामजी गौतम ने बसपा के राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर 26 अक्तूबर को नामांकन किया था, तब उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व कई अन्य नेता मौजूद थे। बुधवार को जब प्रस्तावक अपना नाम वापस लेने के लिए विधानसभा आए तो हलचल मच गई।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव की दस सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा की ओर से आठ, समाजवादी पार्टी के एक, बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यूपी में नौ नवंबर को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और उसी दिन शाम तक नतीजे आ सकते हैं, जबकि ये सीटें 25 नवंबर तक खाली होनी हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में अभी 395 सदस्य हैं, जबकि आठ सीटें खाली हैं। बीजेपी के पास फिलहाल 306 विधायक हैं। सपा के पास 48, बसपा के पास 18, कांग्रेस के सात, अपना दल के पास नौ और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक है, जबकि चार निर्दलीय और एक निषाद पार्टी से विधायक हैं।

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