यूपी के गन्ना किसानों को बड़ी राहत, अब वेबसाइट पर नहीं अपलोड करना होगा पहचानपत्र
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को एक और सहूलियत दी गई है। आनलाइन घोषणापत्र भरवाने की प्रक्रिया अब और सरल कर दी गई है। पंजीकृत किसानों को अब वेबसाइट पर पहचानपत्र नहीं अपलोड करना पड़ेगा। यह कदम विभाग ने टोल फ्री नंबर पर मिले सुझावों के तहत उठाया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को एक और सहूलियत दी गई है। आनलाइन घोषणापत्र भरवाने की प्रक्रिया अब और सरल कर दी गई है। पंजीकृत किसानों को अब वेबसाइट पर पहचानपत्र नहीं अपलोड करना पड़ेगा। यह कदम विभाग ने टोल फ्री नंबर पर मिले सुझावों के तहत उठाया है। इससे वेबसाइट पर आनलाइन घोषणापत्र भरवाने में किसानों को बड़ी राहत मिली है।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि स्मार्ट गन्ना किसान (एसजीके) प्रोजेक्ट के तहत इन दिनों किसान तेजी से आनलाइन घोषणापत्र भर रहे हैं। विभाग के टोल फ्री नंबर पर बताया गया कि सभी किसानों के एक साथ घोषणापत्र भरने व आवेदन करने से वेबसाइट धीमी हो गई है। दोनों प्रक्रिया पूरा करने में समय अधिक लग रहा था। गन्ना किसानों की इस समस्या का संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों व एसजीके प्रोजेक्ट की सेवा प्रदाता से वार्ता की गई।
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि उसी के बाद आनलाइन सदस्यता व घोषणापत्र भरने की प्रक्रिया सरल की गई है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब किसानों को लागिन के लिए आइडी अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी, केवल अपने आधार या बैंक खाते के अंतिम चार अंकों के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर डालने से आनलाइन घोषणापत्र भरने आदि के लिए साइट खुल जाएगी। यदि किसानों का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या व मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है तो उन्हें अपनी समितियों से संपर्क करके इन्हें पंजीकृत कराना होगा।
ज्ञात हो कि पहले पंजीकृत गन्ना किसानों को वेबसाइट खोलने के लिए आधार कार्ड, आइडी आदि अपलोड करनी पड़ती थी। अब किसानों के श्रम व समय की बचत होगी। साथ ही वेबसाइट के सर्वर पर डाटा अपलोडिंग कम होने से उसकी गति तेज हो जाएगी। किसानों के वेबसाइट से संबंधित सभी कार्य तेजी से पूरे किए जा सकेंगे। ज्ञात हो कि विभाग ने पिछले हफ्ते ही किसानों को बड़ी राहत देते हुए आनलाइन घोषणापत्र भरते समय राजस्व खतौनी अपलोड करने की अनिवार्यता खत्म की थी।