BIG News: 11 से भंग होंगे लखनऊ सहित देश की 56 छावनियों के सदन, अब लगेगा वैरी बोर्ड
Lucknow Cantonment Board News एक साल प्रशासक के हाथ होगी परिषद की कमान। हर छावनी में जनता की ओर से होंगे नामित उपाध्यक्ष।महानिदेशालय रक्षा संपदा में तैनात डिप्टी डायरेक्टर की ओर से मध्य कमान रक्षा संपदा सहित सभी मुख्यालयों को आदेश जारी।
लखनऊ, जेएनएन। Cantonment Board News: छावनी परिषद के गलियारों में 11 फरवरी से सियासी अखाड़ा दिखायी नहीं देगा। लखनऊ सहित देश की 56 छावनियों के निर्वाचित सदन को 10 फरवरी को भंग कर दिया जाएगा। जबकि इसी तारीख से इन छावनियों की कमान प्रशासक के हाथ में होगी। रक्षा मंत्रालय ने 11 फरवरी से एक साल के लिए वैरी बोर्ड लगाने के आदेश दे दिए हैं। महानिदेशालय रक्षा संपदा में तैनात डिप्टी डायरेक्टर राजेश कुमार शाह की ओर से मध्य कमान रक्षा संपदा सहित सभी मुख्यालयों को आदेश जारी हो गया है।
मंत्रालय ने अपने आदेश में 11 फरवरी से वैरी बोर्ड लगाने को कहा है। ऐसे में वर्तमान निर्वाचित सदन 10 फरवरी को भंग हो जाएगा। मुख्य भूमिका अब छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी की होगी। उनके साथ परिषद अध्यक्ष व जीओसी मेजर जनरल राजीव शर्मा सैन्य प्रशासन का प्रतिनिधित्व करेंगे। जबकि जनता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए एक उपाध्यक्ष को रक्षामंत्रालय नामित करेगा। लखनऊ छावनी परिषद से मंत्रालय को तीन नाम भेजने की तैयारी है। इसमें वर्तमान उपाध्यक्ष रूपा देवी और पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा भी शामिल हैं।
पहले भी प्रतिनिधित्वविहीन रहा सदन: इससे पहले वर्ष 2002 से 2008 तक लगा रक्षा मंत्रालय ने वैरी बोर्ड लगाया था। छावनी परिषद अधिनियम 2006 बनने के बाद सन 2008 में लखनऊ के आठ वार्डों के चुनाव हुए थे। इसका पांच साल का कार्यकाल मई 2013 में पूरा हुआ। छह-छह माह के दो विस्तार के बाद वैरी बोर्ड लगा दिया गया था। फरवरी 2015 में दोबारा चुनाव हुए। जिसका कार्यकाल फरवरी 2020 में पूरा हो गया। रक्षा मंत्रालय ने छह- छह माह के दो विस्तार दिए। जिसमें उपाध्यक्ष रूपा देवी, पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा, सदस्य जगदीश प्रसाद, स्वाति यादव, अमित शुक्ल, पूर्व उपाध्यक्ष अंजुम आरा, संजय वैश्य और रीना सिंघानियां वाला यह सदन अब 10 फरवरी तक ही अस्तित्व में रहेगा।
नए नियम से होंगे अगले चुनाव: निर्वाचित सदन का पांच साल के कार्यकाल वाला चुनाव अब मंत्रालय छावनी परिषद अधिनियम 2006 में संशोधन करने के ही कराएगा। इसके लिए मंत्रालय छावनी परिषद अधिनियम 2020 बना रहा है। जिसमें सबसे बड़ा बदलाव उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर होगा। अभी निर्वाचित सदस्य ही बहुमत में अपने उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। नए अधिनियम के बनने पर मेयर की तरह परिषद उपाध्यक्ष का चुनाव भी सीधे जनता से होगा।
समझे क्या है वैरी बोर्ड: निवार्चित सदन के भंग होने के बाद क्षेत्र के विकास और जनता की शिकायत का निराकरण सैन्य प्रशासन की ओर से छावनी परिषद अध्यक्ष (जो कि सैन्य अधिकारी होते हैं) के साथ परिषद के मुख्य अधिशासी अफसर करते हैं, जिनमें जनता की ओर से प्रतिनिधित्व रक्षामंत्रालय का नामित एक उपाध्यक्ष करता है।