Bharat Bandh: कृषि कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में भारत बंद का UP में कोई असर नहीं, खुले हैं बाजार व प्रतिष्ठान

Today Bharat Bandh कृषि कानून के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन तथा अन्य किसान संगठनों के भारत बंद का आगरा व आसपास के जिलों में असर नहीं है। यहां पर अन्य दिनों की तरह बाजार पूरा खुला है। किसानों के हंगामे को देखते हुए पुलिस मुस्तैद है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 08:37 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 02:11 PM (IST)
Bharat Bandh: कृषि कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में भारत बंद का UP में कोई असर नहीं, खुले हैं बाजार व प्रतिष्ठान
किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन के साथ ही अन्य किसान संगठनों के भारत बंद का उत्तर प्रदेश पर कोई खास असर नहीं हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में किसान भले ही सड़कों पर उतरे, लेकिन दुकानें तथा अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे। बागपत, सहारनपुर, शामली व मुजफफनगर के साथ किसानों के आंदोलन की स्थली गाजियाबाद में किसानों ने प्रदर्शन किया।

भारतीय किसान यूनियन तथा अन्य किसान संगठनों के भारत बंद का आगरा व आसपास के जिलों में असर नहीं है। यहां पर अन्य दिनों की तरह बाजार पूरा खुला है। किसानों के हंगामे को देखते हुए पुलिस मुस्तैद है। बरेली मंडल में भारत बंद का असर नहीं है। बरेली व बदायूं में न तो कहीं कोई प्रदर्शन हो रहा है और ना ही किसी ने जिला प्रशासन को कोई ज्ञापन दिया है। पीलीभीत के माधोटांडा व शाहजहांपुर के बंडा में कुछ प्रदर्शनकारी एकत्र हुए हैं। बाकी जगह बाजार सामान्य दिनों की तरह खुल रहा है। इसी तरह से अलीगढ़ व मुरादाबाद मंडल में भी कहीं पर कोई प्रभाव नहीं है। कानपुर के साथ ही झांसी तथा प्रयागराज मंडल में भी लोगों की दिनचर्या सामान्य है। किसान संगठनों के भारत बंद का अवध क्षेत्र के साथ ही पूर्वांचल पर भी कोई असर नहीं है।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के सोमवार को भारत बंद का आह्वान का उत्तर प्रदेश में खास असर नहीं है। उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की है जबकि व्यापारियों तथा उद्योग जगत ने इससे किनारा किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस विरोध की आड़ में किसी भी अवांछित प्रक्रिया से निपटने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश में किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद में शामिल होने की घोषणा की है। प्रदेश में सभी विपक्षी राजनैतिक दलों के किसानों के समर्थन में आने को लेकर सरकार ने भी सभी जगह पर सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार के जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इसकी वापसी की मांग को लेकर दस माह से आंदोलित हैं। किसानों ने इसके विरोध में सोमवार को भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद के शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन है। इसके साथ ही बसपा केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करती है। समाजवादी पार्टी ने कृषि कानून के विरोध में सोमवार को घोषित भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है। सपा ने भी केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।

केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। इन सभी संगठनों के पिछले भारत बंद की विफलता को देखते हुए इसका असर दिल्ली और आसपास के राज्यों तक सीमित रहने की संभावना है। किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान आपातकालीन सेवाओं को बाधित नहीं करने का भरोसा भले ही दिया है, लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार हर स्तर पर अलर्ट है। सरकार ने किसी को भी इस दौरान परेशानियों का सामना करने से बचाव का उपाय किया है।

भारत बंदी को व्यापारियों ने नकारा, आज खुलेंगी दुकानें

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के सोमवार को भारत बंद के आह्वान पर व्यापारियों ने इससे सीधे तौर पर किनारा कर लिया है। प्रमुख संगठनों ने सभी प्रमुख बाजार खोले जाने की बात कही है। सभी व्यापारी नेताओं ने कहा कि कारोबार रोज की तरह ही चलेगा। व्यापारियों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश में रोज की तरह ही व्यापार होगा। बाजार बंदी का संगठन समर्थन नहीं करता है। प्रदेश के सभी बाजार खुलेंगे। व्यापारी इस बंदी का समर्थन नहीं करते हैं। संगठन से जुड़े सभी व्यापार मंडल अपने बाजार खोलेंगे। बाजार बंदी नहीं होगी। इनका कहा है कि किसानों के इस आंदोलन से कारोबारियों का कोई मतलब नहीं है। कोरोना में पहले से ही व्यापारी परेशान है। सभी शहर के बाजार खोले जाएंगे।

उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल किसानों के सोमवार को प्रस्तावित भारत बंद के खिलाफ है। व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र के नेतृत्व में विभिन्न गल्ला मंडियों के आढ़ती, व्यापारी, मंडी के बाहर खाद्य पदार्थ की बिक्री करने वाले लोगों ने इस बंद का विरोध किया है। सभी कारोबारियों ने कृषि उत्पादों से जुड़े बिलों का समर्थन करते हुए एक संशोधन की मांग रखी। इनका कहना है कि कृषि कानूनों के अध्यादेश से प्रदेश की गल्ला मंडियों व सब्जी मंडियों के बाहर कृषि उत्पाद की खरीद-बिक्री पर मंडी शुल्क समाप्त हो गया है। साथ ही मंडी समितियों के कई कागजातों की लंबी प्रक्रिया भी समाप्त हो गई है। खरीद-बिक्री के लिए लाइसेंस लेने की भी अब जरूरत नहीं रह गई है। इसका लाभ व्यापारियों को मिल रहा है।

भारत बंद को लेकर सूबे में अलर्ट

कृषि कानून के विरोध में सोमवार को भारत बंद की घोषणा के मद्देनजर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डा समेत अन्य सभी प्रमुख स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। प्रदेश में संवेदनशील स्थानों पर कानून-व्यवस्था ड्यूटी के लिए 28 कंपनी अतिरिक्त पीएसी भी मुस्तैद की गई है। एडीजी का कहना है कि खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रहेगी। जिससे कहीं शांति न बिगड़े। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों को किसान नेताओं से निरंतर संवाद बनाए रखने को भी कहा गया है। इस दौरान सभी जगह वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाए कि आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यातायात व्यवस्था बाधित न हो। आज के विरोध प्रदर्शन में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने वाले शरारती तत्वों से पूरी सख्ती से निपटे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।  

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