Bharat Bandh: भाकियू भानु गुट के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने किसानों के भारत बंद को बताया आतंकी हरकत

Bharat Bandh भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किसान नेताओं के इस भारत बंद से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्या भारत बंद करके यह(राकेश टिकैत) अपनी आतंकवादी गतिविधियों को और बढ़ाना चाहते हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 12:20 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:50 PM (IST)
Bharat Bandh: भाकियू भानु गुट के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने किसानों के भारत बंद को बताया आतंकी हरकत
भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन के भारत बंद का उत्तर प्रदेश पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। गाजियाबाद को छोड़कर अन्य सभी शहरों में गतिविधियां सामान्य हैं। इसी बीच में इस बंद के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने राकेश टिकैत तथा भारत बंद कर रहे किसान नेताओं पर जमकर हमला बोला है।

भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किसान नेताओं के इस भारत बंद से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्या भारत बंद करके यह(राकेश टिकैत) अपनी आतंकवादी गतिविधियों को और बढ़ाना चाहते हैं। भानु प्रताप ने कहा कि आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा किया। लगता है कि राकेश टिकैट भी भारत में उस तरह की गतिविधियों को बढ़ाना चाहते हैं। इनकी सोच तो ठीक नहीं लगती है।

किसान यूनियनों के आज के भारत बंद को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए बंद को तालिबानी कदम बताया है। भानु प्रताप ने कहा कि राकेश टिकैत खुद को किसान नेता कहते हैं और फिर भारत बंद की घोषणा करते हैं, जो अर्थव्यवस्था और किसानों को प्रभावित करता है। इससे किसी का भला भी कैसे होता है। वह इसी तरह की गतिविधियों को जारी रखते हुए तालिबान के नक्शे कदम पर चलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक, जिला, मंडल और प्रदेश के सभी पदाधिकारियों का आह्वान करता हूं कि भारत बंद का कोई सहयोग ना करे और इसका विरोध करें। ऐसे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं उनको सरकार दबाने की कोशिश करें।

भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत पर लगातार हमला बोलते रहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने हमला बोला था। भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत को ठग बताया। उन्होंने कहा है कि राकेश टिकैत बिना ठगे कोई काम नहीं करते हैं। भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन कांग्रेस सरकार की फंडिंग से चल रहा है।

#WATCH | "...They (Rakesh Tikait) call themselves 'kisan neta & then announce Bharat Bandh, which affects economy & farmers. How does it even benefit anyone? They want to follow in footsteps of Taliban by continuing similar activities...": Bhanu Pratap Singh, BKU-BHANU President pic.twitter.com/WQri1UMAH4— ANI (@ANI) September 27, 2021

यह कोई पहली बार नहीं है जब उन्होंने टिकैत पर हमला बोला है। वह इससे पूर्व भी कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं। मार्च महीने में कि भानू प्रताप ने कहा था कि सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे संगठन कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए थे। कांग्रेस इनको फंडिंग कर रही थी। इस बात का पता हमें 26 जनवरी को ही चल गया था। जब हमें मालूम पड़ा कि इन्होंने 26 जनवरी को पुलिस पर हमला किया और लाल किले पर दूसरा झंडा फहराया है। उसी दिन हमने अपना समर्थन वापस ले लिया और यह संकल्प लिया कि हम इनके साथ नहीं रहेंगे और हम आंदोलन खत्म कर वापस चले आए।

 भानु प्रताप सिंह और उनका संगठन 26 जनवरी से पहले किसान आंदोलन में शामिल था। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद भानु प्रताप सिंह इस आंदोलन से अलग हो गए। इसके बाद भानु प्रताप सिंह तो राकेश टिकैत पर लगातार हमला बोलते रहते हैं। भानु प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हेंं आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए। भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जहां पर किसान एकत्र हैं वहां पर तो काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश और शराब की बोतल मिल रही है। असली किसान आंदोलन में नहीं है, वहां केवल शराब पीने वाले और नोट लेने वाले लोग हैं।

देश में केन्द्र सरकार के तीन लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। इसका नेतृत्व राकेश टिकैत समेत दूसरे किसान संगठन कर रहे हैं। यह लोग कृषि कानूनों को रद करने के अलावा किसी और भी फैसले पर राजी नहीं हैं। किसानों के इस आंदोलन का 26 नवंबर 2021 को एक वर्ष पूरा होने वाला है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार 17 सितंबर 2020 को अध्यादेश पारित कर नए कृषि कानून लाई थी।  

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