Coronavirus Update in Lucknow: कोरोना मरीजों की इलाज के इंतजार में घर पर फूल रही सांस, संक्रमित नर्स को भी 24 घंटे तक नहीं मिला बेड

लखनऊ के केजीएमयू के कोविड वार्ड की नर्स संक्रमित 24 घंटे तक नहीं मिला बेड हालात खराब।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:53 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 07:53 AM (IST)
Coronavirus Update in Lucknow: कोरोना मरीजों की इलाज के इंतजार में घर पर फूल रही सांस, संक्रमित नर्स को भी  24 घंटे तक नहीं मिला बेड
Coronavirus Update in Lucknow: कोरोना मरीजों की इलाज के इंतजार में घर पर फूल रही सांस, संक्रमित नर्स को भी 24 घंटे तक नहीं मिला बेड

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में कोरोना वायरस भयावह हो गया है। लगातार मरीजों को रिकॉर्ड टूट रहा है। ऐसे में कई अस्पताल फुल हो गए। वहीं मरीजों की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। इलाज के इंतजार में उनकी सांसें फूल रही हैं। हालात यह हो गए कि कोरोना ड्यूटी में लगे स्टाफ के वायरस की चपेट में आने पर 24 घंटे तक बेड नहीं मिल सका।

केजीएमयू की नर्स 14 जुलाई तक कोरोना मरीजों के इलाज में जुटी थी। बुधवार को तीन बजे उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। पति विवेक कुमार का आरोप है पॉजिटिव रिपोर्ट आने संस्थान के अफसरों से भर्ती की फरियाद की। मगर, उन्हें जनरल सर्जरी के वार्ड में कुर्सी पर बैठा दिया गया। गुरुवार शाम छह तक बेड मरीज को नहीं मिल सका। ऐसे में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने भी अफसरों को पत्र लिखा। बुधवार काे संक्रमित आए चार कर्मियों को बेड न मिलने पर आक्रोश जताया। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि कोरोना वार्ड के बेड फुल थे, जैसे ही खाली हो पाए दिए गए। वहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना वारियर्स के लिए बेड आरक्षित करने की मांग की। इसके साथ ही संक्रमित गंभीर मरीजों को बेड मिलने में दिक्कत हो रही है।

308 मरीज, शाम तक 150 हो सके भर्ती

गुरुवार को शहर में 308 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं शाम छह बजे तक करीब 150 मरीजों की ही भर्ती हो सकी। यानि की 50 फीसद मरीज घर पर ही हैं। कई मरीजों की हालत गड़बड़ है। मगर, केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआइ में बेड फुल होने से भर्ती नहीं की जा सकी। बीकेटी का आरएसएम व लोकबंधु अस्पताल भी फुल है। कोविड केयर सेंटर में बिना लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। मगर, गंभीर मरीजाें को समय पर इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। सरसवां निवासी मरीज की निजी लैब में कोरोना की पुष्टि हुई। संक्रमित युवती की सांस फूलने लगी। कई बार सीएमओ कंट्रोल रूम फोन किया। मगर, देर शाम तक उसे भर्ती नहीं किया जा सका।

संक्रमित मरीज के परिवारजन निजी से टेस्ट कराने को मजबूर

शहर में स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं चरमरा रही हैं। परिवारजन सीएमओ दफ्तर फोन कर रहे हैं। मगर, सुनवाई नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि संक्रमित मरीज के घर को कंटनेमेंट जाेन घोषित कर घर में रहने की सलाह थमा दी जा रही है। मगर, उनकी सैंपलिंग कर टेस्ट करने में लापरवाही की जा रही है। सुलतानपुर रोड के सरसवां निवासी दंपति में 13 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आया। उनकी दोनों बेटियों में अब तक कोरोना टेस्ट करने स्वास्थ्य िवभाग की टीम नहीं पहुंची। हालत गड़बड़ाने पर गुरुवार को निजी लैब को फोन कर सैंपल दिया। इसमें वायरस की पुष्टि हुई।

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