गूगल से बैंक कस्टमर केयर का नंबर लेते समय बरतें सावधानी, लखनऊ में ठगों फर्जी नंबर देकर पार की रकम
पीड़ित ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत की है। उधर इंदिरानगर के ब्रह्मपुरी में रहने वाली नीलम शिवनाथ ने भी गूगल पर कस्टमर केयर ढूंढकर फोन मिलाया। इसके बाद ठगों ने नीलम को झांसे में लेकर उनके खाते से 73 हजार रुपये निकाल लिए। पीडि़त ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। गूगल से स्टेट बैंक आफ इंडिया का कस्टमर केयर का नंबर लेकर फोन करना लोगों पर भारी पड़ रहा है। ठगों ने ऐसा करने वाली महिला समेत दो के खाते से रुपये पार कर दिए। तेलीबाग निवासी अमरेंद्र बहादुर वर्मा के मुताबिक सोमवार को वृंदावन योजना स्थित पीएनबी के एटीएम बूथ गए थे। रुपये तो नहीं निकले, लेकिन रकम निकाले जाने का मैसज आ गया। परेशान होकर गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर फोन मिलाया। फोन साइबर जालसाजों ने उठाया और अमरेंद्र को झांसे में लेकर एक ऐप डाउनलोड कराया। इसके बाद उनके खाते से 56,945 रुपये निकाल लिए।
पीड़ित ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत की है। उधर, इंदिरानगर के ब्रह्मपुरी में रहने वाली नीलम शिवनाथ ने भी गूगल पर कस्टमर केयर ढूंढकर फोन मिलाया। इसके बाद ठगों ने नीलम को झांसे में लेकर उनके खाते से 73 हजार रुपये निकाल लिए। पीडि़त ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि ठगों ने अलग अलग कस्टमर केयर के नाम से अपने फोन नंबर डाल रखे हैं, जिससे लोग झांसे में आकर उन नंबरों पर फोन कर देते हैं।
नौकरी के नाम पर छह लाख हड़पे, एफआइआर : गौतमपल्ली थाने में तीन लोगों के खिलाफ नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की एफआइआर दर्ज की गई है। बरेली पुलिस लाइन में खाना बनाने वाले धर्मवीर ङ्क्षसह को नौकरी से हटा दिया गया था। पैरवी के लिए वह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के आवास गए थे।
आरोप है कि यहां पर उनकी मुलाकात राम नारायण कुशवाहा से हुई थी। उन्नाव निवासी राम नारायण ने धर्मवीर को राजस्व विभाग व रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और अभ्यर्थी लाने के लिए कहा। इसके बाद राम नारायण ने धर्मराज नाम के व्यक्ति से धर्मवीर की मुलाकात कराई। धर्मराज ने भी खुद को डिप्टी सीएम का रिश्तेदार बताया। झांसे में आकर धर्मवीर ने साले समेत रिश्तेदार व दोस्तों की नौकरी के नाम पर छह लाख रुपये दे दिए। रकम लेकर आरोपितों ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। नियुक्ति पत्र लेकर दिल्ली में रेलवे दफ्तर पहुंचने पर पीडि़तों को ठगी की जानकारी हुई। छानबीन में पता चला कि आरोपितों का डिप्टी सीएम से कोई संबंध नहीं है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है।