यूपी में महिलाओं की किस्मत संवारने में मददगार बनेंगी बाराबंकी की ‘सखियां’, तेलंगाना की संस्था को मिलेगी मुक्ति

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सूरतगंज ब्लाक की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। गठित समूह की महिलाएं सशक्त व आत्मनिर्भर बन रही हैं। अब प्रत्येक ग्राम पंचायत में समूह सखी की तैनाती की जा रही हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:56 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 09:18 PM (IST)
यूपी में महिलाओं की किस्मत संवारने में मददगार बनेंगी बाराबंकी की ‘सखियां’, तेलंगाना की संस्था को मिलेगी मुक्ति
समूह सखी नए समूह गठित करेंगी और सरकारी योजनाओं की सूचना समूह की महिलाओं तक पहुंचाएंगी।

बाराबंकी, [राघवेंद्र मिश्रा]। महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू हो गई है। कृषि सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी बनाने का कार्य पूरा हो चुका है। प्रशिक्षित यह सखियां अब ब्लाक ही नहीं अन्य जिलों में भी महिला समूह गठन करने का कार्य करेंगी। इसके बाद यहां समूह गठन का कार्य कर रही तेलंगाना की संस्था को मुक्ति मिल सकेगी।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सूरतगंज ब्लाक की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। गठित समूह की महिलाएं सशक्त व आत्मनिर्भर बन रही हैं। अब प्रत्येक ग्राम पंचायत में समूह सखी की तैनाती की जा रही हैं। इसका चयन स्वयं सहायता समूह से किया जा रहा है। समूह सखी के लिए 40 महिलाओं का चयन हुआ है। समूह की यह सखियां बैठकें कर समूह गठित कराएंगी। समूह सखी को 800 रुपये से लेकर 1200 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा।

ऐसे होंगे समूह सखी के कार्य : समूह सखी नए समूह गठित करेंगी। सरकारी योजनाओं की सूचना समूह की महिलाओं तक पहुंचाएंगी। आजीविका मिशन से मिल रहे विभिन्न फंड दिलाने का काम करेंगी। नियमानुसार समूह की बैठक कराने एवं लेखांकन कार्य करेंगी।

प्रशिक्षित महिलाओं की जुबानी

अब समूह को आगे बढ़ाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं संचालित कर रही हैं। - सरला शुक्ला, चयनित समूह सखी, पिपरी महार

समूह सखी के लिए महिलाओं का चयन कर उनको घर पर ही रोजगार देने की अच्छी व्यवस्था है। सीमा , चयनित समूह सखी, रिक्षली

समूह के कार्यों की देखरेख के लिए सखियों का चयन किया गया है। इससे महिलाओं को जहां रोजगार मिलेगा वहीं समूह का संचालन भी अच्छे ढंग से हो सकेगा। -केतकी, चयनित समूह सखी, बीकेपुर

आजीविका मिशन से काफी महिलाएं सशक्त व आत्मनिर्भर बन रही हैं। गांव की अन्य महिलाएं भी सखियों से प्ररेणा ले सकेंगी। - आशा सिंह, चयनित समूह सखी, जुरौंडा

समूह की बैठक कराने और अन्य काम कराने के लिए महिलाओं को समूह सखी बनाया गया है। 40 समूह सखी को चयनित करके प्रशिक्षित किया जा चुका है।  -धर्मेंद्र वर्मा, ब्लाक मिशन प्रबंधक

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