Barabanki Accident News: आंख खुली तो सामने था मौत का भयावह मंजर, अपनों को खोजने में मशगूल दिखे लोग

Barabanki Accident News अयोध्या हाईवे पर रामसनेहीघाट में कल्याणी नदी के पुल पर मंगलवार देर रात हुआ भीषण हादसा। बस में सभी यात्री बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले थे। हरियाणा से बिहार जा रही ऋषभ टेवल्स की बस में सवार थे करीब 135 यात्री।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:41 AM (IST)
Barabanki Accident News: आंख खुली तो सामने था मौत का भयावह मंजर, अपनों को खोजने में मशगूल दिखे लोग
हादसे के चश्मदीदों ने बयां किया दर्द। किसी का अपना घायल हुआ तो किसी का अपना बिछुड़ गया।

बाराबंकी, [श्रीकांत तिवारी]। करीब साढ़े पांच सौ किलोमीटर की दूरी तय कर चुके बिहार के लोग सुनहरी और खुशनुमा सुबह की उम्मीद लेकर नींद में सोए थे। सड़क, डिवाइडर और बस के नीचे भी उन्हें गहरी नींद आ रही थी। उन्हें इसका तनिक भी अहसास नहीं थी कि मंगलवार की यह रात उनके लिए अमंगलकारी साबित होगी। घड़ी की सुइयां बारह बजे के आसपास पहुंचने ही वाली थीं एक तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से बस 15 मीटर तक घिसटती चली गई। उन्हें क्या पता थी कि जिस बस में सवार होकर वह अपने घर की मंजिल तय कर रहे थे वहीं उनकी मौत का कारण बन जाएगी। अचानक हुए हादसे से कोहराम मच गया। यात्रियों की आंख खुली तो उनकी आंखों के सामने मौत तांडव करती दिखी। किसी का अपना घायल हुआ तो किसी का अपना बिछुड़ गया। घटना के चश्मीदीदों ने जागरण से अपना दर्द साझा किया। 

साथियों तो किसी को भाई के खोने का गम :  सहरसा के जलसीमा के राजेश मुखिया के साथी अखिलेश और सिकंदर हादसे का शिकार हो गए हैं। राजेश ने बताया कि सभी लोग साथ जि‍द में मजदूरी पर धान की रोपाई करने गए थे। उन्होंने रुंधे गले से जवाब दिया कि अब उनके परिवारों को क्या जवाब देंगे। हरिराम यादव ने रोते हुए बताया कि साथ आ रहे थे उनके भाई सुरेश यादव को हादसे ने छीन लिया। फगुनी साहनी की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका मोनू और गांव के जगदीश साहनी, इंदल पुत्र फकीरा महतो, जयबहादुर साहनी भी काल के गाल में समा गए।

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भगवान का शुक्रिया..परिवार बच गया :  घटनास्थल पर अपना सामान ढूंढ रहे राकेश ने बताया कि वह अंबाला कैंट में परिवार के साथ टमाटर की खेती करते है। परिवार में शादी थी इसलिए करीब पांच वर्ष बाद छह सदस्यीय परिवार के साथ सीतामढ़ी जा रहे थे। बस खराब होने पर बाहर सोने को कहा तो पत्नी ने इन्कार कर दिया। इस पर बस में सोने चले गए। अचानक तेज झटके बाद नींद खुली तो चीख-पुकार ही सुनाई पड़ रही थी। ईश्वर की शुक्र है कि बच गए।

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