Bara Imambara Reopen: सुबह से ही गुलजार रहा बड़ा इमामबाड़ा, सेल्फी लेते नजर आए पर्यटक

Bara Imambara Reopen रविवार के दिन बड़ा इमामबाड़ा पर्यटकों से भरा। लोगों ने जमकर सेल्फी ली। पिक्चर गैलरी और छोटा इमामबाड़ा में पिछले दिनों की तरह ही कम संख्या में लोग पहुंचे। सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए थे।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 03:19 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 03:19 PM (IST)
Bara Imambara Reopen: सुबह से ही गुलजार रहा बड़ा इमामबाड़ा, सेल्फी लेते नजर आए पर्यटक
लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा में रविवार का दिन पूरी तरह से पर्यटकों के नाम रहा।

लखनऊ, जेएनएन। Bara Imambara Reopen: बड़ा इमामबाड़ा में रविवार का दिन पूरी तरह से पर्यटकों के नाम रहा। छुट्टी के दिन सुबह से ही लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। इस दौरान टिकट घर में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि सुबह से करीब 113 टिकट अब तक बन चुके हैं। वहीं, पिक्चर गैलरी और छोटा इमामबाड़ा में पिछले दिनों की तरह ही कम संख्या में लोग पहुंचे। सैर करने आए लोगों के लिए सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए थे। उन्हें सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया गया। 

परीक्षा देकर घूमने आए

सुल्तानपुर से दोस्तों के साथ आए आदर्श यादव ने बताया कि हम लोग सुबह परीक्षा देने आए थे। उसके बाद जब समय मिला तो हम यहां घूमने चले आए। मैं पहले भी कई बार यहां आ चुका हूं लेकिन मेरे दोस्त यहां पहली बार आए हैं। मैंने उनको एक गाइड की तरह ही सब चीजें दिखाईं।

बेहद शांति और सुकून मिला

दिल्ली से खास लखनऊ घूमने आए भास्कर, अवधेश और आशीष ने बताया कि हम लोग खास यहां घूमने आए हैं। पहली बार का अनुभव बेहद खास रहा। जितना इसके बारे में अब तक देखा सुना था ये उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत है। अंदर कुछ लोग और मौजूद थे। इस खूबसूरत जगह आकर बेहद शांति और सुकून मिला।

परिवार के साथ आए घूमने

पहली बार परिवार के साथ घूमने आए आशियाना निवासी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि छुट्टी का दिन था तो सब लोग यहां घूमने आ गए। काफी समय हो गया था एक साथ कहीं बाहर घूमे हुए। ऐसे में सबसे पुराना लखनऊ में इमामबाड़ा घूमने का प्लान बनाया। पहला अनुभव बेहद रोचक रहा। बच्चों को भी यहां आकर बहुत अच्छा लगा।

सुबह से आठ- दस सवारियां मिलीं

तांगा चालक सरवर ने बताया कि रविवार के दिन पहले बहुत भीड़ होती थी। इस वजह से मैं नौ बजे ही आ गया था। पहले कुछ देर सन्नाटा रहा लेकिन फिर कुछ लोग आए। पहले रविवार को अच्छी खासी सवारियां मिल जाती थीं लेकिन आज सुबह से आठ- दस ही सवारियां मिली हैं। इस वजह से हम लोग सवारियों के इंतजार में ही बैठे हुए हैं।

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