यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की जमानत अर्जी खारिज, नहीं भेजा जेल

यमुना एक्सप्रेस-वे के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की मनी लांड्रिंग मामले में सत्र न्यायाधीश ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 11:44 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 07:55 AM (IST)
यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की जमानत अर्जी खारिज, नहीं भेजा जेल
यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता की जमानत अर्जी खारिज, नहीं भेजा जेल

लखनऊ (जेएनएन)। नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता सिंह की मनी लांड्रिंग मामले में सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जौहरी ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के एक अंतरिम आदेश के चलते उन्हें जेल नहीं भेजा जा सका। उल्लेखनीय है कि ईडी ने उनके खिलाफ पहला मामला 19 करोड़ 42 लाख 32 हजार 63 रुपये का पाया, जबकि दूसरा मामला 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपये से संबंधित है।

मनी लांड्रिंग मामले की सुनवाई

मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए कुसुमलता ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर कहा था कि कुसुमलता यदि अदालत में हाजिर होती हैं, जहां पर उनकी जमानत खारिज हो जाती है तो भी 30 दिनों तक न्यायिक हिरासत में लेकर जेल नहीं भेजी जाएंगी। इन तीस दिनों में वह निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध जमानत के लिए ऊपरी अदालत में आवेदन कर सकेंगी। कुसुमलता ने शीर्ष अदालत के आदेश के परिपेक्ष्य में गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद अर्जी प्रस्तुत कर जमानत पर रिहा करने की मांग की।

ईडी ने बनाया कुसुमलता को आरोपी

जमानत के विरोध में कहा गया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में यादव सिंह के विरुद्ध 30 जुलाई 2015 को मामला दर्ज किया गया था। मामले की इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सीबीआइ जांच के आदेश के बाद जांच एजेंसी ने 29 सितंबर, 2015 को गाजियाबाद की विशेष अदालत में यादव सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। इसी बीच आठ अक्टूबर, 2015 को ईडी ने भी यादव सिंह के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के दो मामले दर्जकर जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद ईडी ने कुसुमलता को भी आरोपित बनाया था और अदालत ने उन्हें सम्मन जारी कर तलब किया था। ईडी के अनुसार पहला मामला 19 करोड़ 42 लाख 32 हजार 63 रुपये का पाया गया, जबकि दूसरा मामला 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपये से संबंधित है।

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