Jalnigam Recruitment Scam: सीतापुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए आजम खां, CBI कोर्ट ने किया था तलब
सोमवार को अदालत के समक्ष पूर्व आदेश के अनुपालन में आजम खां जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग सीतापुर जेल से उपस्थित थे। इस भर्ती घोटाले के दौरान आजम खां उप्र जलनिगम के अध्यक्ष हुआ करते थे। विशेष अदालत ने आरोप पत्र की नकल देने का दिया आदेश तीन अगस्त की तारीख तय।
लखनऊ, विधि संवाददाता। सपा शासन के दौरान जलनिगम महकमे में करीब 1300 पदों पर हुई भर्ती घोटाला मामले में आरोप पत्र पर संज्ञान के बाद विशेष अदालत ने मुल्जिम आजम खां की न्यायिक अभिरक्षा का वारंट सीआरपीसी की धारा 309 के तहत बनाने का आदेश दिया। सोमवार को अदालत के समक्ष पूर्व आदेश के अनुपालन में आजम खां जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग सीतापुर जेल से उपस्थित थे। इस भर्ती घोटाले के दौरान आजम खां उप्र जलनिगम के अध्यक्ष हुआ करते थे।
सीबीआइ के विशेष जज मनोज पांडेय ने इसके साथ ही वारंट को जरिए इमेल सीतापुर जेल के अधीक्षक को भेजने का आदेश दिया है। विवेचक को यह भी निर्देश दिया है कि वो वारंट की मूल प्रति जेल अधीक्षक को प्राप्त कराना सुनिश्चित करेंगे व प्राप्ति की रसीद से अदालत को अवगत कराएगें। उन्होंने आरोप पत्र की नकल देने के लिए तीन अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। उस दिन आजम खां को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तलब किया है।
25 अप्रैल, 2018 को इस मामले की एफआइआर लखनऊ की एसआइटी थाने में निरीक्षक अटल बिहारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें आजम के साथ ही तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद, नगर विकास उप्र शासन के तत्कालीन सचिव श्रीप्रकाश सिंह, उप्र जलनिगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक प्रेम प्रकाश आसूदानी, तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे तथा भर्ती प्रक्रिया में शामिल अन्य को नामजद किया गया था। विवेचना के दौरान एसआइटी ने आजम खां समेत गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, नीरज मलिक, विश्वजीत सिंह, अजय कुमार यादव, संतोष कुमार रस्तोगी, रोमन फर्नाडीज व कुलदीप सिंह नेगी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
बीते 15 जुलाई को विशेष अदालत ने अलग अलग धाराओं के तहत आजम खां व अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे का संज्ञान लिया था। अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक मुल्जिमों पर मनचाहे अभ्यॢथयों का चयन कराने के लिए एक साजिश के तहत मनचाही संस्था मेसर्स एपटेक लिमिटेड का चयन कराने का आरोप है। साथ सभी पदों पर भर्ती में एपटेक व उप्र जलनिगम के मध्य हुए अनुबंध का उल्लघंन किया गया। परीक्षा सम्पन्न होने के बाद उत्तर कंूजी ऑनलाइन प्रदर्शीत नहीं होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया जारी रखी गई। यह भी आरोप है कि प्रबंधकीय अधिकारों का हनन करते हुए अनुचति लाभ के लिए नियम विरुद्ध मेसर्स एपटेक से मिलीभगत कर परीक्षा के प्राइमरी डाटा को क्लाउड सर्वर से डिलीट कराकर मूल्यवान साक्ष्य को नष्ट कर दिया गया। इससे पात्र अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए थे।