डेंगू के मरीजों के लिए खास यह आयुर्वेदिक विशेष अर्क, प्लेटलेट पहुंचा देता 18 हजार से दो लाख; जानें- पूरी डिटेल

लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. एसके पांडेय ने डेंगू के मरीजों के लिए पुनर्नवा भुईं आंवला मकोय गिलोय और पपीते के पत्ते का विशेष अर्क तैयार किया है। इसके जरिये कई डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट 18 हजार से बढ़कर दो लाख के पार पहुंच गया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:07 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:08 AM (IST)
डेंगू के मरीजों के लिए खास यह आयुर्वेदिक विशेष अर्क, प्लेटलेट पहुंचा देता 18 हजार से दो लाख; जानें- पूरी डिटेल
लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. एसके पांडेय ने डेंगू के मरीजों के लिए विशेष अर्क तैयार किया है।

लखनऊ, जेएनएन। इन दिनों डेंगू के डंक से हर तरफ हाहाकार है। हालत यह है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की इमरजेंसी से लेकर डेंगू वार्ड फुल चल रहे हैं। 15 से 20 फीसद डेंगू मरीजों में ब्लीडिंग व गंभीरता के चलते प्लेटलेट चढ़ाने की नौबत आ रही है। ऐसे में लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. एसके पांडेय ने डेंगू के मरीजों के लिए पुनर्नवा, भुईं आंवला, मकोय, गिलोय और पपीते के पत्ते का विशेष अर्क तैयार किया है। इसके जरिये कई डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट 18 हजार से बढ़कर दो लाख के पार पहुंच गया।

लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. एसके पांडेय ने बताया कि डेंगू में पित्त बढ़ जाता है। इसमें पित्त शामक औषधियां शीघ्र लाभ पहुंचाती हैं। इनमें सौंफ और अम्लकी रसायन रामबाण का काम करता है। इससे पित्त शांत होने के साथ प्लेटलेट काउंट भी बढ़ता है। इसके अतिरिक्त पुनर्नवा, भुईं आंवला, मकोय, गिलोय का अर्क प्लेलेट बढ़ाने में बेहद कारगर है। इसे दिन में चार बार देने से 24 से 48 घंटे में प्लेटलेट एक से डेढ़ लाख से भी ज्यादा बढ़ जाता है। गिलोय और पपीते के पत्ते का रस पीने से भी प्लेटलेट में बढ़ोतरी होती है। इस औषधि से पचासों रोगी ठीक किए जा चुके हैं। डेंगू में बुखार होने पर ज्वरांकुश और सुदर्शन चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

खानपान का रखें विशेष ख्याल : घर पर रहकर मरीज गिलोय और पपीते के पत्ते का रस ले सकते हैं। एक हफ्ते तक आराम जरूरी है। हल्का और सुपाच्य भोजन करें। इनमें दलिया, खिचड़ी, दाल का पानी, सब्जियों का सूप, पालक, चुकंदर और टमाटर का सूप लें।

इन्हें हुआ विशेष आराम : सुलतानपुर निवासी माधुरी मिश्रा का प्लेटलेट 30 हजार हो गया था। दो दिन तक आयुर्वेदिक अर्क लेने से उनकी प्लेटलेट डेढ़ लाख पहुंच गया। इसी तरह बलिया निवासी रोहित रावत का प्लेटलेट 18 हजार से कम हो गया था। तीन-चार दिनों के इलाज में उनका प्लेटलेट दो लाख के ऊपर हो गया।

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