Ayodhya News: रामनगरी में होगी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना, शासन ने मांगी पांच एकड़ भूमि
प्रदेश सरकार की यह कोशिश एलोपैथी के समानांतर वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का ढांचा मजबूत किए जाने के तहत है। कोरोना संकट के दौरान आयुर्वेद एवं होम्योपैथी ने जो भूमिका निभाई वह आम लोगों के साथ शासन तक को प्रेरित करने वाली रही।
अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। रामनगरी में सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने की चिर मांग पूर्ण होने को है। इसी के साथ ही भोले की नगरी काशी में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज भी स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा-स्वास्थ्य) प्रशांत त्रिवेदी ने अयोध्या एवं काशी के जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दोनों मेडिकल कॉलेज के लिए पांच-पांच एकड़ भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश सरकार की यह कोशिश एलोपैथी के समानांतर वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का ढांचा मजबूत किए जाने के तहत है। कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा और इस चुनौती में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी ने जो भूमिका निभाई, वह आम लोगों के साथ शासन तक को प्रेरित करने वाली रही। केंद्र की मोदी एवं प्रदेश की योगी सरकार यूं भी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का भी ढांचा मजबूत करने के लिए शुरू से प्रयत्नशील रही है और अयोध्या एवं काशी में दो नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की पहल को इसी का नतीजा माना जा रहा है। हालांकि अयोध्या में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का स्वप्न काफी पुराना है।
मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष साकेतवासी रामचंद्रदास परमहंस 1991 में पहली बार प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ इस तरह की इच्छा जताने लगे थे। उनके शिष्य एवं परमहंस रामचंद्रदास सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य नारायण मिश्र के अनुसार प्रदेश सरकार की इस पहल से गुरुदेव की आत्मा निश्चित रूप से प्रसन्न हुई होगी और इससे रामनगरी में स्वास्थ्य सुविधा का गौरवमय आयाम प्रशस्त हुआ है। इसके लिए वे प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार ज्ञापित करना भी नहीं भूलते। साथ ही सुझाव देते हैं कि अयोध्या में बनने वाले आयुर्वेदिक मेडिकल कॉॅलेज का नाम परमहंस रामचंद्रदास के नाम से होना चाहिए।