Ayodhya case: तीसरे दिन कोर्ट में हाजिर हुए आरोपित प्रकाश शर्मा, CBI के सभी आरोपों को बताया निराधार
Ayodhya Case अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में दर्ज किए गए बयान। अन्य आरोपितों के बयान दर्ज करने के लिए आठ जून की तिथि नियत।
लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Case : अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में शनिवार को सीबीआइ कोर्ट में तीसरे दिन सुनवाई हुई। कानपुर के शिवालय निवासी आरोपित प्रकाश शर्मा बयान दर्ज कराने पहुंचे।आरोपित प्रकाश शर्मा ने सीबीआइ के समस्त आरोपों को नकारते हुए प्रश्नों के उत्तर में कहा है कि मामला राजनीति से प्रेरित होने के कारण उन्हें फंसाया गया है। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने मुकदमे में अगली तारीख कार्यवाही के क्रम में की है। इस मुकदमे में विशेष अदालत ने अभी तक आरोपित विजय बहादुर सिंह और गांधी यादव का बयान धारा 313 के अंतर्गत दर्ज किया गया है।
शनिवार को सुबह करीब 10:30 बजे आरोपित प्रकाश शर्मा विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। 1050 प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही यह मामला राजनीति से प्रेरित रहा है। उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप असत्य और निराधार हैं। प्रकाश शर्मा ने अपने बयानों के माध्यम से अदालत द्वारा सीबीआइ के सहयोग से तैयार किए गए समस्त प्रश्नों को सिरे से नकार दिया। अदालत द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। जिसको लेकर उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। आरोपित प्रकाश शर्मा का बयान दर्ज किए जाने के दौरान उनके अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी व केके मिश्र उपस्थित रहे।
विशेष अदालत के समक्ष शनिवार को आरोपित प्रकाश शर्मा के अतिरिक्त अन्य कोई आरोपित उपस्थित नहीं रहा। अनुपस्थित आरोपितों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने हाजिरी माफ किए जाने का प्रार्थना पत्र दिया। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। आरोपित लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी एवं उमा भारती की अदालत में उपस्थित पूर्व से ही अदालत के अग्रिम आदेश तक माफ है। आरोपित के बयान दर्ज होने के समय सीबीआइ के विशेष अधिवक्ता ललित कुमार सिंह, पूर्णेंदु चक्रवर्ती व आरके यादव अदालत के सहयोग हेतु उपस्थित रहे। इस प्रकरण में 29 आरोपितों का बयान दर्ज किया जाना शेष है। अदालत ने बयान दर्ज करने के लिए आठ जून को अन्य आरोपितों को उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
राजनीति से प्रेरित है मुकदमा
कोर्ट से बाहर निकलते समय उन्होंने कहा कि उनपर दर्ज मुकदमा राजनीति से प्रेरित है। तुष्टिकरण की राजनीति के तहत लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एक विचार के लोगों को दबाने के लिए ऐसी कार्रवाई हुई है। मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
मालूम हो कि इस मामले में आरोपित रहे अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास एवं विनोद कुमार बंसल की मृत्यु हो चुकी है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। आगामी 31 अगस्त को निर्णय सुनाया जाना है। न्यायालय पत्रावली के अनुसार इस मामले में छह दिसंबर 1992 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीआइ में विवेचना के उपरांत 48 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था।