Ayodhya Coronavirus News: संतों के आगे पस्त हो रहा Covid19, योग-अनुशासन और आत्मबल से दे रहे मात

अयोध्‍या में गत माह जो आधा दर्जन महंत कोरोना पॉजिटिव पाए गए वे योग निर्धारित चिकित्सा और आत्मानुशासन के साथ कोरोना से मुक्त हो गए। पारंपरिक भारतीय दिनचर्या से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा कोरोना को हराने में सहायक है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 10:45 AM (IST)
Ayodhya Coronavirus News: संतों के आगे पस्त हो रहा Covid19, योग-अनुशासन और आत्मबल से दे रहे मात
अयोध्‍या में आधा दर्जन से ज्यादा संत कोरोना से जंग जीत चुके हैं।

अयोध्या, [रघुवरशरण]। योग, अनुशासन और आत्मबल जैसे हथियारों के बूते रामनगरी के संत कोरोना को पस्त कर रहे हैं। आधा दर्जन से ज्यादा संत कोरोना से जीत चुके हैं। गत महीने की 16 तारीख को पॉजिटिव पाए गए रंगमहल के महंत रामशरणदास अस्पताल से छुट्टी पाकर आश्रम में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्हें लखनऊ के कि‍ंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। महंत की दिनचर्या योग-जप एवं ध्यान पर केंद्रित रही। कहते हैं, कोई भी परिस्थिति हो भरोसा ही निर्णायक होता है।

कोरोना को मात देने वालों में सुग्रीव किला पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य भी शामिल हैं। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें स्थानीय राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 14 दिन तक भर्ती रहने के बाद वे भी इसी सप्ताह कोरोना मुक्त होकर वापस अपने आश्रम पहुंचे हैं। वे कहते हैं, कोरोना बीमारी और संक्रमण दोनों ही रूपों में भयावह है, कि‍ंतु इसका सफलतापूर्वक सामना भी किया जा सकता है। पारंपरिक भारतीय दिनचर्या से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा कोरोना को हराने में सहायक है।

यह सकारात्मक ऊर्जा अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास से भी बखूबी बयां होती है। वह पिछले दिनों से ही कुछ बीमार चल रहे थे और गत माह कोरोना पॉजिटिव होने के साथ उनकी चुनौती बहुत बढ़ गई, पर एक पखवारा बाद उन्हें भी अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। 65 वर्षीय कन्हैयादास अपने सनकादिक आश्रम में स्वास्थ्य लाभ के साथ योग-ध्यान से सधी दिनचर्या को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा सभी संत आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के बूते वायरस को विफल करने में सफल रहे हैं।

अब दे रहे कोरोना से मुकाबिल होने के टिप्स

मधुकरी परंपरा के संत मिथिला बिहारी दास को गत माह कोरोना के लक्षण दिखाई पड़े। उन्होंने स्वयं को संभाला और चिर-परिचित दवाओं के सेवन के साथ खानपान और रहन-सहन के प्रति बेहद सावधानी बरती। करीब सप्ताह भर तक बुखार, खांसी, सर्दी-जुकाम, शरीर दर्द, कमजोरी आदि का सामना करते रहे मिथिला बिहारी दास के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हुआ और अब वे पूर्ण स्वस्थ हैं। इस बीच उन्होंने योग का नियमित क्रम पुन: शुरू करने के साथ कुछ ऐसे विशिष्ट आसनों का चुनाव किया, जो कोरोना जैसे संकट के बीच कहीं अधिक उपयोगी हो सकते हैं। वह इन आसनों का न केवल स्वयं समुचित अभ्यास कर रहे हैं, बल्कि इसका ऑनलाइन प्रसारण कर कोरोना से बचाव के टिप्स भी दे रहे हैं। 

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