Ayodhya Ram Mandir: पूरे दिन निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा में जुटे रहे नृपेंद्र, शिलाओं की शिफ्टिंग पर भी विचार

Ayodhya Ram Mandir ट्रस्ट के प्रतिनिधि आगामी 29 माह की तय अवधि में मंदिर निर्माण की कार्ययोजना के अनुरूप निर्माण को गति देने के प्रति तत्पर हैं। नींव की भराई के साथ उस पर बनने वाले विशाल अधिष्ठान और तराशी गई शिलाओं की शिफ्टिंग पर भी विचार हो रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:57 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:21 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: पूरे दिन निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा में जुटे रहे नृपेंद्र, शिलाओं की शिफ्टिंग पर भी विचार
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष की अयोध्या यात्रा का दूसरा दिन।

अयोध्या, जेएनएन।  राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र पूरे दिन मंदिर निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा में जुटे रहे। मिश्र ने शनिवार को यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत रामलला के दर्शन से की और रामजन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान वे साथ चल रहे एल एंड टी एवं टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के अधिकारियों से आवश्यक जानकारी लेते रहे। परिसर में दो घंटे से अधिक का वक्त गुजारने के बाद मिश्र वापस सर्किट हाउस पहुंचे और वहां उन्होंने विस्तार से जानकारी ली और आवश्कतानुसार निर्देश दिए।

सर्किट हाउस की बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र सहित मंदिर निर्माण से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। मंदिर निर्माण की समीक्षा के संदर्भ में ही रविवार को भी सर्किट हाउस में बैठक होनी है। नींव नियोजन को लेकर मंदिर निर्माण समिति एवं तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को काफी माथापच्ची करनी पड़ी, पर नींव नियोजन और उसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री का संयोजन तय होने के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का हौसला बढ़ गया है।

ट्रस्ट के प्रतिनिधि आगामी 29 माह की तय अवधि में मंदिर निर्माण की कार्ययोजना के अनुरूप निर्माण को गति देने के प्रति तत्पर हैं। अगले कुछ माह में नींव की भराई के साथ उस पर बनने वाले विशाल अधिष्ठान और तराशी गई शिलाओं की शिफ्टिंग पर भी विचार किया जाने लगा है। राम मंदिर निर्माण समिति और तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामजन्मभूमि परिसर के अंदर के साथ परिसर के बाहर विकसित की जा रही नव्य अयोध्या की भी ओर निगाह है। समझा जाता है कि रविवार की बैठक में मंदिर निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों के अलावा अयोध्या के समग्र विकास के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रहे ली एसोसिएट्स के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।  

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