After Ayodhya Verdict : श्रद्धालुओं से गुलजार अयोध्या की शाम, कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में डुबकी लगाने पहुंचे राम भक्त

श्रद्धालुओं से गुलजार सरयू तट मानों पूरे भारत का दर्शन करा रहा था। कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में डुबकी लगाने की कामना लेकर पहुंचे राम भक्त।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 09:01 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 07:05 AM (IST)
After Ayodhya Verdict : श्रद्धालुओं से गुलजार अयोध्या की शाम, कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में डुबकी लगाने पहुंचे राम भक्त
After Ayodhya Verdict : श्रद्धालुओं से गुलजार अयोध्या की शाम, कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में डुबकी लगाने पहुंचे राम भक्त

अयोध्या, जेएनएन 'दरस, परस, मज्जन अरु पाना, हरइ पाप कह वेद पुराना। नदी पुनीत अमित महिमा अति, कहि न सकई सारदा विमल मति।' अर्थात वेद-पुराण कहते हैं कि सरयू का दर्शन, स्पर्श, स्नान और जल पान पापों को हरता है। यह नदी बड़ी ही पवित्र है। इसकी महिमा अनंत है, जिसे विमल बुद्धिवाली सरस्वती भी नहीं कह सकती...। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में सरयू मैया की महिमा का वर्णन करते ऐसा लिखा है। यह विश्वास कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू में डुबकी लगाने की कामना लेकर अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं में भी दिखा। ...हालांकि स्नान तो भोर से आरंभ होगा, लेकिन रामनगरी सोमवार की शाम ही श्रद्धालुओं के भक्ति कलश से छलकती आस्था की बूंदों से अभिसिंचित होती रही।

शाम तकरीबन साढ़े पांच-छह बजे का वक्त रहा होगा। श्रद्धालुओं से गुलजार सरयू तट मानों पूरे भारत का दर्शन करा रहा था। अलग-अलग भाषा, अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखने वाले श्रद्धालु इस भाव-भूमि को तैयार करते नजर आए। तट पर मां सरयू को प्रणाम करने की मुद्रा में दरभंगा की नीलम देवी दिखती हैं। सरयू मैया की प्रणाम कर वे 'दैनिक जागरण' से मुखातिब होती हैं। कहती हैं, जिस नदी की महिमा स्वयं भगवान राम ने कही हो, वहां सिर झुकाने की इच्छा लंबे समय से थी। अयोध्या का यह तट अत्यंत मनोरम है और मां सरयू महिमावंत। इंदौर के सुधारनाथ पांडेय मुखातिब होते हैं। कहते हैं, अयोध्या नाम लेने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस नगरी में आने का सौभाग्य मिला। भगवान का दर्शन हुआ और हमारा जीवन मानों तर गया।

चंपारण से आए मार्कंडेय तिवारी कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सरयू मैया में डुबकी लगाने का अवसर भाग्यशाली लोगों को ही मिलता है। हम भी उन्हीं भाग्यशालियों में से एक हैं। नए घाट पर कर्नाटक के कोलार से आए हनुमतप्पा भी टहलते नजर आए। मुलाकात हुई तो कहने लगे भगवान राम के दर्शन की इच्छा कई वर्षों से थी, वह पूर्ण हुई। हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन करने के उपरांत नए घाट की ओर बढ़ते महाराष्ट्र से आए वीएन शिंदे से मुलाकात हुई। रामभक्ति में डूबे शिंदे कहते हैं कि अयोध्या महिमावंत नगरी है। भला यहां कौन नहीं आना चाहेगा।

ऐसी ही भावना में डूबी पड़ोस के बस्ती जिले की शांति देवी, रीता चौधरी जैसे कई श्रद्धालु मिले, जो अयोध्या, राम और सरयू की भक्ति डोर में बंधे हुए यहां पहुंचे हैं। रामनगरी में शाम का यह नजारा मंगलवार की सुबह के तासीर का एहसास कराता धीरे-धीरे सघन होता जाता है...। भोर के इंतजार में।

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