Ayodhya Case: मुकदमा लड़ते जीवन के 28 वर्ष बीते, मैं निर्दोष हूं : आरएन श्रीवास्तव
Ayodhya Case आरोपित तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने दर्ज कराया बयान।
लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Case: अयोध्या के ढांचा विध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष आरोपित फैजाबाद के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आरएन श्रीवास्तव ने अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि 28 वर्ष से मुकदमा लड़ते-लड़ते 82 वर्ष का हो चुका हूं, मैं निर्दोष हूं। मेरे जीवन का बीता यह समय कोई नहीं लौटा सकता है। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने बयान दर्ज करने के बाद अन्य आरोपितों के बयान के लिए छह जुलाई की तिथि नियत की है।
शनिवार को आरोपित आरएन श्रीवास्तव अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने अधिवक्ता अभिषेक रंजन के साथ उपस्थित थे। अपने बयानों में उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में कुछ लोगों की विपरीत राजनीतिक विचारधारा के कारण गवाहों ने झूठी गवाही दी है। श्रीवास्तव ने कहा कि ढांचा गिराने के संबंध में उनका कोई हाथ नहीं रहा और न ही वह किसी षड्यंत्र में शामिल रहे हैं। पूर्व जिला मजिस्ट्रेट ने अपने को बेगुनाह बताते हुए कहा कि 6 दिसंबर 1992 को उन्होंने उन सभी नियम-कानून का पालन करते हुए व्यापक व्यवस्था की थी जो कि एक जिलाधिकारी को करनी चाहिए।
मार्च 1993 में दर्ज मुकदमों के बाबत उन्होंने कहा कि घटना के बाद कुछ नेताओं ने पत्रकारों से कहा था कि तथाकथित नुकसान के लिए मुआवजा मिलेगा, जिस कारण पत्रकारों द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए गए। अदालत में अन्य आरोपितों की ओर से अधिवक्ता विमल श्रीवास्तव, केके मिश्रा और मनीष त्रिपाठी उपस्थित थे। वहीं अभियोजन की ओर से ललित कुमार सिंह, पूर्णेन्दु चक्रवर्ती और आरएन यादव मौजूद रहे। अदालत में आरोपित आरएन श्रीवास्तव के अतिरिक्त अन्य किसी के उपस्थित न होने के कारण अदालत ने उनकी हाजिरी एक दिन लिए माफ कर दी।