होमगार्डों के ड्यूटी भुगतान का होगा आडिट, एक साल तक के भुगतान का ब्यौरा आएगा सामने

होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने बताया कि सॉफ्टवेयर के जरिये थानों में लगने वाली होमगार्डों की ड्यूटी का चार्ट भी महीने की शुरुआत में थानाध्यक्षों को उपलब्ध कराया जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 04:10 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 04:10 PM (IST)
होमगार्डों के ड्यूटी भुगतान का होगा आडिट, एक साल तक के भुगतान का ब्यौरा आएगा सामने
होमगार्डों के ड्यूटी भुगतान का होगा आडिट, एक साल तक के भुगतान का ब्यौरा आएगा सामने

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश के नोएडा के थानों में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी लगाकर मानदेय हड़पने का मामला सामने आने के बाद शासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब सभी जिलों में जांच कराने के साथ ही पिछले एक साल तक किए गए होमगार्डों के ड्यूटी भुगतान का आडिट कराया जाएगा। इसके साथ ही सभी थानाध्यक्षों को अपने नाम वाली मुहर लगाकर होमगार्ड ड्यूटी के मास्टर रोल को प्रमाणित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने बताया कि सॉफ्टवेयर के जरिये थानों में लगने वाली होमगार्डों की ड्यूटी का चार्ट भी महीने की शुरुआत में थानाध्यक्षों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि नोएडा में हुए घपले की जांच तीन सदस्यीय कमेटी कर रही है, उसकी रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सभी मंडलीय व जिला कमांडेंट को ड्यूटी सत्यापित होने के बाद ही मानदेय का भुगतान करने को कहा गया है।

होमगार्डों की थाने में फर्जी ड्यूटी लगाकर उनका मानदेय हड़पने की शिकायत करीब छह माह पहले की गई थी। प्लाटून कमांडर की शिकायत पर एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने इसकी जांच कराई थी। गड़बड़ी पकड़े जाने पर जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी जिसमें डीजी होमगाड्र्स के सीनियर स्टाफ आफिसर सुनील कुमार, मीरजापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह व बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती शामिल हैं। डीजी होमगाड्र्स जीएल मीणा ने बताया कि कमेटी ने एक नवंबर को जांच शुरू कर दी थी। अब वह पूरे एक साल के दौरान होमगार्डों की ड्यूटी व उनके भुगतान की जांच करेगी।

घपले में पुलिस की भी मिलीभगत की भी आशंका

होमगाड्र्स मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर से थाने पर ड्यूटी लगने के बाद सभी होमगार्डों की संबंधित थानों में आमद होती है। थाने की ऑनलाइन जीडी में उनकी आमद दर्ज होती है। थाने पर उपस्थिति रजिस्टर में भी होमगार्ड के रोजाना हस्ताक्षर होते हैं। महीने के अंत में एसओ अथवा मुंशी मास्टर रोल को प्रमाणित करते हैं। होमगाड्र्स विभाग के ब्लॉक आफिसर व अवैतनिक प्लाटून कमांडर के भी मास्टर रोल को प्रमाणित किये जाने के बाद उसे जिला मुख्यालय पर भेजा जाता है, जहां से होमगार्डों का ड्यूटी भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में होता है। ऐसे में आशंका है कि फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पने के खेल में पुलिस की भी भूमिका होगी। 

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