Cyber Fraud in UP: लखनऊ में साइबर जालसाजों ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को ही किया ठगने का प्रयास, जानें क्या है पूरा मामला

साइबर जालसाजों ने यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को बैंक कर्मी बनकर फोन किया। उनके साथ जालसाजी करने और बैंक खाते की जानकारी का प्रयास किया। डीजीपी ने जालसाज को डपटा और गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:35 AM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 06:52 PM (IST)
Cyber Fraud in UP: लखनऊ में साइबर जालसाजों ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को ही किया ठगने का प्रयास, जानें क्या है पूरा मामला
इंस्पेक्टर राजेश द्विवेदी के मुताबिक पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह गोमतीनगर विस्तार के एक अपार्टमेंट में रहते हैं।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। साइबर जालसाजों ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को बैंक कर्मी बनकर फोन किया। उनके साथ जालसाजी करने और बैंक खाते की जानकारी का प्रयास किया। डीजीपी ने जालसाज को डपटा और गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर राजेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह क्षेत्र स्थित एक अपार्टमेंट में रहते हैं। उनके पास एक व्यक्ति ने अनजान नंबर से फोन किया।

फोन रिसीव करते ही उस व्यक्ति ने खुद को बैंक कर्मी बताया। उसके बाद कहा कि आपका एटीएम ब्लाक होने वाला है। इसके चालू रखने के लिए कार्ड और खाते की जानकारी दें। पूर्व डीजीपी जालसाजों की हरकतों के बारे में बखूबी जानते हैं। उन्होंने जालसाज को डपटा। इसके बाद तहरीर दी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

पिता-पुत्र पर 30 लाख हड़पने का आरोप, मुकदमाः मनोहरनगर निवासी राकेश अग्र्रवाल ने कैसरबाग कोतवाली में मुकेश अग्र्रवाल और उनके बेटे के खिलाफ 30 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि राकेश अग्र्रवाल मकान खरीदना चाह रहे थे। मुकेश ने उन्हें अपना पैतृक मकान बेचने के बारे में बताया। सौदा एक करोड़ रुपये में तय हुआ। राकेश ने बताया कि उन्होंने 30 लाख रुपये एडवांस दिए थे। 70 लाख रुपये किस्तों ने देने की बात तय हुआ थी। पहले 30 लाख रुपये मिलने पर ही मुकेश ने मकान की रजिस्ट्री करने को कहा था। रुपये लेने के बाद मुकेश रजिस्ट्री करने से मुकर गए। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में साइबर क्राइम का बड़ा नेटवर्क है। ये लोग ज्यादातर रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी को अपना शिकार बनाते हैं। हालांकि, कई बार पुलिस की सक्रियता के चलते पकड़े जाते हैं। 

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