अलीगढ़ में पनाह लिए 2 और रोहिंग्या गिरफ्तार, ATS की पूछताछ में कई और के बारे में मिली जानकारी
एटीएस ने अलीगढ़ में छिपकर रह रहे दो और रोहिंग्या को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। दोनों यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिये अपनी पहचान बदलने की फिराक में थे। दोनों सोना तस्करी में भी संलिप्त हैं। उनके कब्जे से पीली धातु के छह बिस्किट भी बरामद हुए हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अलीगढ़ में छिपकर रह रहे दो और रोहिंग्या को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। दोनों यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिये अपनी पहचान बदलने की फिराक में थे। दोनों सोना तस्करी में भी संलिप्त हैं। उनके कब्जे से पीली धातु के छह बिस्किट भी बरामद हुए हैं।
एटीएस ने मूलरूप से म्यामार के निवासी मु.रफीक और मु.आमीन को गुरुवार को अलीगढ़ के मकदूमनगर से गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से यूएनएचआरसी के कार्ड, एक मोबाइल फोन, पीली धातु के छह बिस्किट व 770 रुपये बरामद हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों से शुरुआती पूछताछ में कई और रोहिंग्या के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं। इससे पूर्व सूबे में अब तक पहचान बदलकर रह रहे 11 रोहिंग्या गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एटीएस ने बीती आठ जून को गाजियाबाद से दो रोहिंग्या नूर आलम व अमीर हुसैन को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में अवैध ढंग से सीमा पार कर आए कई और रोहिंग्या के बारे में जानकारी मिली थी।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश पर सूबे में अपनी पहचान बदलकर रह रहे रोहिंग्या की तलाश अभियान के तहत की जा रही है। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि म्यामार के निवासी कुछ रोहिंग्या के बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठ कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शरण लेने की जानकारी सामने आई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि एक सिंडीकेट के तहत रोहिंग्या को ठेके पर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के जरिये पहचान बदलकर शरण दिलाने का खेल चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एटीएस ने अलीगढ़ के मकदूमनगर में ही छिपकर रह रहे रोहिंग्या अमानउल्ला को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से फर्जी दस्तावेजों के जरिये बनवाया गया राशनकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र व अन्य दस्तोवज मिले थे। तब जांच में सामने आया था कि रोहिंग्या को ठेके पर अलीगढ़ के मीट कारखानों में काम भी दिलाया गया है। एटीएस अब अलीगढ़ से पकड़े गए दोनों रोहिंग्या से यह जानने का प्रयास कर रही है कि वे किसकी मदद से सीमा पार कर आए थे। वे अलीगढ़ तक किसकी सहायता से पहुंचे और उनके स्थानीय मददगार कौन हैं। एटीएस को दोनों से अहम जानकारियां हाथ लगने की उम्मीद है। एटीएस दोनों को कोर्ट में पेश कर उन्हें पुलिस कस्टडी में लेने की तैयारी कर रही है।