चांद-तारों को समझेंगे बच्चे, इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में बनेंगी एस्ट्रोनॉमी लैब Lucknow News
लखनऊ के इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में स्थापित की जाएगी लैब। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद कार्यकारिणी ने 20 परियोजनाओं को दी हरी झंडी।
लखनऊ, जेएनएन। खगोल विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में 'एस्ट्रोनामी लैब' की स्थापना की जाएगी। लैब विद्यार्थियों के लिए हॉबी लैब की तरह कार्य करेगी। यहां चंद्र व सूर्यग्रहण, सौर मंडल, कान्स्टलेशन एवं जोडियक साइन, सैलेस्टियल स्फेयर आदि मॉडल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही खगोल विज्ञान से संबंधित हैंडस ऑन एक्टिवीटीज एवं प्रयोगों का आयोजन भी होगा। कंप्यूटर के माध्यम से खगोल विज्ञान से संबंधित साफ्टवेयर्स के उपयोग को भी समझाया जाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में अपर मुख्य सचिव कुमार कमलेश की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में 20 शोध परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम 'कौन बनेगा नन्हा कलाम के प्रस्ताव पर भी मोहर लगाई गई। बैठक में परिषद निदेशक डॉ.वेदपति मिश्र ने कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तावित परियोजनाएं प्रस्तुत कीं। बैठक में केजीएमयू के कुलपति डॉ.एमएलबी भट्ट, आइआइटीआर के निदेशक प्रो.आलोक धावन, एसजीपीजीआइ, सीमैप, आइइटी, नियोजन, वित्त, उद्योग एवं अवस्थापना विकास विभाग, कृषि विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे।
जिलों में विज्ञान पार्क का प्रस्ताव
परिषद द्वारा गाजियाबाद में बनाए गए विज्ञान पार्क की तर्ज पर जनपदों में विज्ञान पार्कों की स्थापना से संबंधित एक प्रस्ताव परिषद कार्यकारिणी समिति के सक्षम पेश किया गया। सहमति बनी कि पार्क की डीपीआर तैयार कर व उसका मूल्यांकन करा कर विज्ञान पार्ककी स्थापना कार्य कराए जाए।