यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, जानिए क्या है पूरा मामला
उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ मानहानि का यह मामला उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दर्ज कराई है। इस मामले में श्रीकांत शर्मा की गवाही दर्ज हो चुकी है। अब इनसे अभियुक्त अजय की ओर से जिरह होना था। सोमवार को श्रीकांत शर्मा अदालत में उपस्थित थे।
लखनऊ, विधि संवाददाता। मानहानि के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने अभियुक्त अजय कुमार लल्लू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार के खिलाफ मानहानि का यह मामला उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दर्ज कराया था। इस मामले में श्रीकांत शर्मा की गवाही हो चुकी है। अब अभियुक्त अजय की ओर से जिरह होनी थी। सोमवार को श्रीकांत शर्मा अदालत में उपस्थित थे, लेकिन अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हुए। बल्कि इनकी तरफ से हाजिरी माफी व इनके वकील की ओर से स्थगन अर्जी दी गई। विशेष जज पवन कुमार राय ने दोनों अर्जी खारिज कर दीं। साथ ही जिरह का अवसर समाप्त करते हुए अगली गवाही के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है।
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि श्रीकांत शर्मा की गवाही के बाद अभियुक्त की ओर से तीन तारीख से जिरह नहीं की जा रही है, जबकि गवाह प्रत्येक तारीख पर अदालत में उपस्थित होते रहे हैं। पिछली तारीख पर अभियुक्त को अंतिम अवसर दिया गया था। इसके बावजूद जिरह नहीं की गई।
ये है मामला : श्रीकांत शर्मा ने अजय कुमार लल्लू के खिलाफ मानहानि के इस मामले में एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया है कि चार नवंबर, 2019 को विधान परिषद सदस्य व उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रिंट व इलेक्टानिक मीडिया में उनके खिलाफ असत्य दुर्भावनापूर्ण व भ्रामक बयान दिया था, जो विभिन्न न्यूज चैनलों पर प्रसारित हुआ। साथ ही अगले दिन अनेक समाचार पत्रों में भी उनका बयान प्रकाशित हुआ। परिवाद के मुताबिक अजय कुमार ने कहा था कि गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रुपये के बकाये पर बिजली कटवा देने वाली मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारो करोड़ रुपये देश द्रोहियों दाउद इब्राहिम व इकबाल मिर्ची से जुड़ी कंपनियों को देते हैं।
इस बात की जांच की जानी चाहिए कि सितंबर व अक्टूबर, 2017 में उर्जा मंत्री किस प्रयोजन से दुबई गए थे और वहां किन-किन लोगों से मिले। यह दौरा उसी समय किया जब डीएचएफएल का पैसा सनब्लिंक कंपनी को जा रहा था। उर्जा मंत्री अपने 10 दिन के इस आधिकारिक यात्रा का उद्देश्य बताएं। डीएचएफएल के साथ साठगांठ करके उर्जा विभाग के कर्मचारियों की भविष्य निधि का पैसा डीएचएफएल को दे दिया गया। जो जोखिम में पड़ गया। सात फरवरी, 2020 को विशेष अदालत ने इस परिवाद पर संज्ञान लेते हुए बतौर अभियुक्त अजय कुमार लल्लू को तलब किया था।