पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, लखनऊ में छात्रा से दुष्कर्म का मामला

वर्ष 2012 में डा. मो. अयूब मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान अयूब की पीड़िता से मुलाकात हुई। आरोप है कि डा. अयूब सेवा अस्पताल में युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबध बनाने लगे थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:48 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 12:05 AM (IST)
पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, लखनऊ में छात्रा से दुष्कर्म का मामला
पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डा. मो. अयूब हैं आरोपी।

लखनऊ, विधि संवाददाता। दुष्कर्म के एक आपराधिक मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने गवाही के लिए तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक डा. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, निरीक्षक नागेश कुमार मिश्रा व उपनिरीक्षक राजेश सिंह समेत 11 गवाहों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। दुष्कर्म के इस मामले में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डा. मो. अयूब आरोपी हैं। विशेष जज पवन कुमार राय ने इसके साथ ही बाल महिला हास्पिटल, इंदिरानगर की डॉ. रुबीना की गवाही के लिए अभियोजन को एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।

यह है मामला : 24 फरवरी, 2017 को इस मामले की एफआइआर पीड़िता के भाई ने थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद इस मामले में अयुब के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) एफ व 506 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। वर्ष 2012 में डा. मो. अयूब मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान अयूब की पीड़िता से मुलाकात हुई। अयूब ने युवती से अपना चुनाव प्रचार करने को कहा। साथ ही यह वादा किया कि जीतने के बाद उसे पढ़ाई के लिए लखनऊ के सेवा अस्पताल भेज देंगे। उसकी नौकरी भी लगवा देंगे।

आरोप है कि डा. अयूब सेवा अस्पताल में युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबध बनाने लगे। युवती को धमकी भी दी। आरोप यह भी है कि जब युवती के पेट में दर्द होने लगा तो अयूब उसे अनुपयुक्त दवा देने लगे। परिणामस्वरूप पीड़िता की किडनी व लीवर दोनों खराब हो गए। पीड़िता ने यह बात अपने घर वालों को बताई। पीड़िता के परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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