लखनऊ के बंथरा की कटी बगिया में दिखा एक और तेंदुआ, सीसी कैमरे में कैद; वन विभाग ने लगाई टीम
कुछ समय पहले भी बंथरा के एनबीआरआइ परिसर में तेंदुआ देखा गया था जो कई दिन बाद लखनऊ कानपुर मार्ग पर वाहन की टक्कर में मारा गया था। अब फिर से बंथरा क्षेत्र में तेंदुआ होने की पुष्टि प्रभागीय वनाधिकारी अवध क्षेत्र डा. आरके सिंह ने की है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। एक और तेंदुए ने लखनऊ में दस्तक दी है। गत दिनों सीजी सिटी के पास देखे गए तेंदुए को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है, वहीं बुधवार को बंथरा से तीन किलोमीटर दूर कटी बगिया में तेंदुआ दिखाई दिया। यह तेंदुआ सीसी कैमरे भी में कैद हुआ है। वन विभाग की टीम ने भी कैमरे में कैद तेंदुए को देखा और इसकी पुष्टि की है। विभाग ने तेंदुए को पकडऩे के लिए टीम को लगाया है। वन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि मस्तेमऊ में देखा गया तेंदुआ पास के घने जंगल में मौजूद हो सकता है।
वन विभाग ने की पुष्टि :
कुछ समय पहले भी बंथरा के एनबीआरआइ परिसर में तेंदुआ देखा गया था, जो कई दिन बाद लखनऊ कानपुर मार्ग पर वाहन की टक्कर में मारा गया था। अब फिर से बंथरा क्षेत्र में तेंदुआ होने की पुष्टि प्रभागीय वनाधिकारी अवध क्षेत्र डा. आरके सिंह ने की है। उनका कहना है कि सीसी कैमरे में जो जानवर देखा गया है, वह तेंदुआ ही है। यह तेंदुआ सीसी सिटी के पास देखे गए तेंदुए से अलग है। इससे पहले मस्तेमऊ गांव के पास 22 जुलाई की शाम को पहली बार तेंदुआ देखा गया था, जब वह एक दीवार पर लेटा था और ग्रामीण ने उसकी फोटो खींची थी।
वन विभाग ने दीवार पर मिले बाल की फारेंसिक जांच कराई तो पता चला कि वह तेंदुए के ही बाल थे। मस्तेमऊ गांव के पास घना जंगल और गोमती नदी का किनारा होने से तेंदुए को पर्याप्त भोजन और पानी मिल रहा था। इसी तरह जंगल में चीतल होने और बारिश के बाद हरियाली बढऩे से भी तेंदुआ नजर नहीं आ रहा था। वन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि गोमती नदी के किनारे से तेंदुआ लखनऊ में आ जाता हैं और मस्तेमऊ में देखा गया तेंदुआ पास के घने जंगल में मौजूद हो सकता है।