यूपी विधानसभा चुनाव में आधी आबादी पर पूरी नजर, अखिलेश के बाद प्रियंका ने फेंका पासा; जानें- भाजपा की रणनीति

UP Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए हर सिक्का उछालकर किस्मत आजमा रहे विपक्षी दलों की नजर जाति-धर्म की लकीरों के पार सीधे आधी आबादी पर जा टिकी है। अब कांग्रेस ने टिकट वितरण में चालीस फीसद आरक्षण की घोषणा कर बड़ा दांव चला है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:16 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:02 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव में आधी आबादी पर पूरी नजर, अखिलेश के बाद प्रियंका ने फेंका पासा; जानें- भाजपा की रणनीति
टिकट वितरण में महिला आरक्षण की घोषणा कर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बड़ा दांव चला है।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। समाजवादी पार्टी के 'एमवाई' यानी मुस्लिम-यादव की जगह नई सपा में महिला-युवा ने ले ली और सत्ता संघर्ष में कांग्रेस भी आखिरकार महिलाओं के मुद्दे को मोर्चे पर ले आई। साफ संकेत है कि इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए हर सिक्का उछालकर किस्मत आजमा रहे विपक्षी दलों की नजर जाति-धर्म की लकीरों के पार सीधे आधी आबादी पर जा टिकी है। टिकट वितरण में चालीस फीसद आरक्षण की घोषणा के साथ महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को 'मोहिनी मंत्र' बनाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने निश्चित ही बड़ा दांव चला है। अब उनके इस वादे को भाजपा सरकार के उन दावों से लड़ना है, जिसमें वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना, शौचालय से लेकर तमाम योजनाएं महिलाओं को समर्पित कर लाभार्थियों की लंबी सूची हाथ में थामे चुनाव मंच पर खड़ी है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बतौर प्रभारी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने हर उस मुद्दे को थामने का प्रयास किया, जिसमें सरकार को घेरने की जरा भी गुंजाइश नजर आई। अन्य विपक्षी दलों की तुलना में उनकी सक्रियता खास तौर पर महिला उत्पीड़न से जुड़े उन्नाव दुष्कर्म कांड और हाथरस कांड में ज्यादा रही। हालांकि, मुद्दों के चयन को लेकर पार्टी के रणनीतिकारों का असमंजस भी साथ-साथ चला। अब 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं...' के नारे के साथ टिकट वितरण में चालीस फीसद महिला आरक्षण की घोषणा की गई है। इसे कांग्रेस का अच्छा और मजबूत पासा माना जा रहा है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कहती हैं कि महिलाओं के मुद्दे पर प्रियंका वाड्रा शुरू से गंभीर थीं। वह मानती हैं कि महिलाओं को सत्ता में बराबर की भागीदारी मिलेगी तो अपने आप वह सशक्त होंगी। समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए महिलाएं जरूर कांग्रेस के साथ आएंगी।

कांग्रेस की यह चाल है तो भाजपा सरकार बिसात बिछाए अपनी गोटें पहले ही फिट किए जाने के भरोसे में है। आधी आबादी की ताकत को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दिशा में शुरू से काम कर रहे हैं। मसलन, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना में 80 फीसद आवासों का स्वामित्व महिलाओं को दिया गया है। शौचालय को इज्जत घर नाम देने के पीछे सोच महिला सुरक्षा की बताई। उज्ज्वला योजना में मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन महिलाओं को ही उपहार है।

इधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने तमाम योजनाओं के साथ बैंकिंग सखी बनाकर युवतियों को स्वरोजगार दिया। स्वयंसहायता समूहों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का दावा सरकार करती है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा काम मोदी-योगी सरकार ने किया है। जहां तक सपा-बसपा की बात है तो दोनों ही पार्टियों ने अभी तक टिकट में महिलाओं की भागीदारी संबंधी कोई घोषणा नहीं की है। अब प्रियंका के दांव की प्रतिस्पर्धा में उनके अगले कदम पर भी सबकी नजर होगी।

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