यूपी सरकार आंगनबाड़ी में करने जा रही 53 हजार पदों पर भर्ती, चयन में इन्हें मिलेगी वरीयता

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में करीब 53 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार पिछले काफी समय से चयन प्रक्रिया का प्रारूप तय करने में जुटी थी। इस कारण रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही थी। अब विभाग ने इसका निर्धारण कर लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 04:50 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 04:51 PM (IST)
यूपी सरकार आंगनबाड़ी में करने जा रही 53 हजार पदों पर भर्ती, चयन में इन्हें मिलेगी वरीयता
उत्तर प्रदेश में 53 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती होगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के करीब 53 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन पदों पर भर्ती के लिए नए सिरे से चयन प्रक्रिया निर्धारण कर दी है। सरकार ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। अब जल्द ही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा।

दरअसल, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में करीब 53 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार पिछले काफी समय से चयन प्रक्रिया का प्रारूप तय करने में जुटी थी। इस कारण रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही थी। अब विभाग ने इसका निर्धारण कर लिया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की अपर मुख्य सचिव एस. राधा चौहान ने चयन प्रक्रिया का आदेश जारी कर दिया। इसके तहत अब सभी जिलों में डीएम की देखरेख में गठित चयन समिति इन पदों पर भर्ती करेगी। निदेशक जल्द ही जिलेवार रिक्तियों का ब्यौरा डीएम को उपलब्ध करा देंगे। चयन समिति की संस्तुति के बाद डीएम के अनुमोदन के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।

चयन समिति में की महिला अफसर रहेंगी सदस्य : डीएम की देखरेख में गठित होने वाली चयन समिति में जिले में तैनात समूह 'क' व 'ख' संवर्ग की महिला अफसर सदस्य रहेंगी। पहले महिला अधिकारी सदस्य नहीं होती थी। डीएम द्वारा नामित सीडीओ या एडीएम समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) सदस्य सचिव होंगे। समिति में अनुसूचित जाति व अनुसचित जनजाति और पिछड़ी जाति के एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी व संबंधित परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) भी सदस्य होंगे। चयन समिति की बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति के सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

बीपीएल की आय सीमा बढ़ी : उत्तर प्रदेश सरकार की ओर जारी नई चयन प्रक्रिया मे बीपीएल परिवारों की अभ्यर्थियों की वरीयता दी जाएगी। गरीबी रेखा के लिए आय सीमा का नए सिरे से निर्धारण कर दिया गया है। अब ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए सालाना आय सीमा 46,080 रुपये निर्धारित की गई है। शहरी क्षेत्रों के लिए आय सीमा 56,460 रुपये सालाना तय की गई है। नई प्रक्रिया में शैक्षिक व अन्य अर्हता में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता हाईस्कूल व न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 45 वर्ष है। सहायिकाओं के लिए कक्षा पांच उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसमें आवेदन के लिए अधिकतम उम्र 50 वर्ष रखी गई है।

चयन में इस तरह मिलेगी वरीयता उसी ग्राम सभा व शहरों में उसी वार्ड की अभ्यर्थी गरीबी रेखा में आने वाले परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा महिला तलाकशुदा व परित्यक्त महिला बीपीएल न मिलने पर गरीबी रेखा के ऊपर की महिलाओं के चयन पर विचार

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