राहुल गांधी के केरल में दिये बयान पर अपने ही गढ़ में घिरी कांग्रेस, अमेठी और रायबरेली के लोग आहत

राहुल गांधी का केरल में उत्तर भारतीयों को लेकर दिया गया बयान न अमेठी और न रायबरेली के लोगों को रास आ रहा है। लोगों का कहना है कि यहां के लोगों ने उनके परिवार को अपना नेता माना है। ऐसे में उनकी टिप्पणी उचित नहीं है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:25 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:26 PM (IST)
राहुल गांधी के केरल में दिये बयान पर अपने ही गढ़ में घिरी कांग्रेस, अमेठी और रायबरेली के लोग आहत
राहुल गांधी के केरल में उत्तर भारतीयों को लेकर दिए बयान को अमेठी-रायबरेली लोगों ने उचित नहीं बताया है।

लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का केरल में उत्तर भारतीयों को लेकर दिया गया बयान न उनके चुनाव क्षेत्र अमेठी के लोगों को रास आ रहा है न कांग्रेस के गढ़ रहे रायबरेली के लोगों को। लोगों का कहना है कि रायबरेली और अमेठी के लोगों ने उनके परिवार को अपना नेता माना है और यह उत्तर भारत में ही है। ऐसे में उनकी टिप्पणी उचित नहीं है। ऐसा बोलकर उन्होंने अपनों को पीड़ा पहुंचाई है। अमेठी से वह चुनाव जरूर हारे, लेकिन रायबरेली का प्रतिनिधित्व उनकी मां के हाथ में है।

बीते दिनों केरल में राहुल गांधी ने अपने बयान में उत्तर भारतीयों की समझ पर सवाल उठाते हुए दक्षिण भारतीयों को मुद्दों की समझ रखने वाला बताया था। अमेठी निवासी युवा आशुतोष सिंह और बीकॉम करने वाले पुलकित कहते हैं कि जब अमेठी ने उन्हें रिकॉर्ड मतों से तीन बार जिताया, तब उनकी यह सोच कहां थी। अमेठी ने राहुल ही नहीं उनकी मां सोनिया गांधी व पिता राजीव गांधी को भी जिताकर दिल्ली भेजा। किसान राम प्रसाद व दुकानदार खेलावन कहते हैं कि यहां के लोगों ने गांधी परिवार को हमेशा महत्व दिया पर राहुल गांधी का बयान पीड़ा पहुंचाने वाला है। कारोबारी सर्वेश सिंह कहते हैं कि राहुल गांधी को यह बात पहले समझनी थी, जब वह अमेठी के सांसद थे।

दूसरी ओर अमेठी कांग्रेस के जिला प्रवक्ता डॉ. अरविंद चतुर्वेदी राहुल का बचाव करते हैं कि उनके बयान को गलत तरीके से विरोधी पेश कर रहे हैं। भाजपा नेता प्रियंक हरि विजय तिवारी व जिला महामंत्री सुधांशु शुक्ल कहते हैं कि राहुल गांधी ने अमेठी के साथ पूरे उत्तर भारत का अपमान किया है।

राहुल के बयान से कांग्रेस के गढ़ रायबरेली के लोग भी आहत हैं। यहां अमर नगर में रहने वाले दवा व्यवसायी दिनेश कुमार त्रिपाठी कहते हैं कि राहुल गांधी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। यहां की जनता का उनके परिवार से पुराना नाता है। आज भी लोकसभा चुनाव में आम आदमी हर पार्टी के लोगों को दरकिनार कर यहां की जिम्मेदारी उन्हीं के परिवार को सौंपती है। उनका बयान अशोभनीय है। दूसरी ओर पंकज तिवारी राहुल का बचाव करते हैं कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मुख्य मुद्दों से भटकाने का यह प्रयास है।

बालापुर निवासी समाजसेवी गंगासागर मिश्रा कहते हैं कि राहुल गांधी को ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए। बड़ी पार्टी के बड़े नेता हैं, ऐसी बचकानी हरकत करेंगे तो संदेश अच्छा नहीं जाएगा। उनसे ऐसी उम्मीद किसी ने नहीं की थी।

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