अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी ने डॉ उज्ज्वला घोषाल को बनाया उत्तर भारत का कंट्री एंबेसडर

एएसएम की कंट्री एंबेसडर बनाए जाने के बाद डॉ उज्ज्वला घोषाल ने कहा कि मेरा उद्देश्य एडवांस माइक्रोबॉयल साइंस को प्रमोट करने के साथ ही साथ अपने विचारों और अनुभवों को अन्य कंट्री एंबेस्डर के साथ साझा करना भी रहेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 05:22 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 08:21 AM (IST)
अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी ने डॉ उज्ज्वला घोषाल को बनाया उत्तर भारत का कंट्री एंबेसडर
डॉ उज्ज्वला घोषाल एसजीपीजीआई में माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी (एएसएम) ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की वरिष्ठ प्रोफेसर और माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डा उज्जवला घोषाल को उत्तर भारत का कंट्री एंबेस्डर घोषित किया है। एएसएम लाइफ साइंस मेंबरशिप ऑर्गेनाइजेशन दुनिया की सबसे पुरानी और बड़ी एकमात्र ऐसी संस्था है, जिसका उद्देश्य एडवांस माइक्रोबॉयल साइंस को प्रमोट करना है। इसके साथ 30,000 से अधिक शोधकर्ता और चिकित्सक जुड़े हैं। डॉक्टर घोषाल को कंट्री एंबेसडर बनाए जाने के बाद कई वैज्ञानिकों और लखनऊ के डॉक्टरों ने उन्हें बधाई दी है।

कंट्री एम्बेसडर वरिष्ठ वैज्ञानिक होते हैं जिनका कार्य दुनिया भर के एएसएम सदस्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करना है। साथ ही साथ स्थानीय वैज्ञानिक समुदायों के साथ महत्वपूर्ण इनपुट को जुटाना और अन्य के साथ साझा करना है। इसके अतिरिक्त संक्रामक बीमारियों और ड्रग रेजिस्टेंट जैसी स्थानीय समस्याओं पर भी उसे काम करना होता है। वह विभिन्न शोध संस्थाओं और संगठनों के साथ संपर्क को भी मजबूत बनाए रखता है। कंट्री एंबेसडर किसी भी स्थानीय समस्या को वैश्विक स्तर पर उठा सकता है। उस बारे में विशेषज्ञों की राय ले सकता है, उसका समाधान करवाने का प्रयास भी कर सकता है।

एएसएम की कंट्री एंबेसडर बनाए जाने के बाद डॉ उज्ज्वला घोषाल ने कहा कि मेरा उद्देश्य एडवांस माइक्रोबॉयल साइंस को प्रमोट करने के साथ ही साथ अपने विचारों और अनुभवों को अन्य कंट्री एंबेस्डर के साथ साझा करना भी रहेगा। मेरा प्रयास होगा हर माइक्रोबायोलॉजिस्ट की सफलता में सहयोग किया जाए। उल्लेखनीय है कि डॉ उज्ज्वला घोषाल एसजीपीजीआई में माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष है, जिन्होंने कोरोनावायरस की जांच के लिए बिना रुके, बिना थके और बिना अवकाश लिए लगातार लैब का 24 घंटे संचालन कराए रखने का जिम्मा उठाया। यहां राजधानी के साथ ही साथ प्रदेश के अन्य जिलों के नमूने भी जांच के लिए आते रहते हैं।

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