Ambulance Strike in UP: अब तक 581 एंबुलेंस कर्मी बर्खास्त, सभी डीएम को एंबुलेंस की चाबी जमा कराने के निर्देश

Ambulance Strike in UP शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एंबुलेंस की चाबी जमा कराएं और इसे चलाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करें। 60 प्रतिशत तक एंबुलेंस के संचालन का दावा किया जा रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:45 AM (IST)
Ambulance Strike in UP: अब तक 581 एंबुलेंस कर्मी बर्खास्त, सभी डीएम को एंबुलेंस की चाबी जमा कराने के निर्देश
Ambulance Strike in UP: गुरुवार को सभी एंबुलेंस संचालित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Ambulance Strike in UP: यूपी में एंबुलेंस सेवा ठप कर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ बुधवार को और सख्त कार्रवाई की गई। मंगलवार को 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर व आठ कर्मियों के खिलाफ एफआइआर कराए जाने के बावजूद हड़ताल पर डटे 570 और एंबुलेंस कर्मियों को बुधवार को नौकरी से हटा दिया गया। बर्खास्त किए जाने वालों में एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) शामिल हैं। उधर शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एंबुलेंस की चाबी जमा कराएं और इसे चलाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करें। 60 प्रतिशत तक एंबुलेंस के संचालन का दावा किया जा रहा है। गुरुवार को सभी एंबुलेंस संचालित होने की उम्मीद जताई जा रही है। बीते रविवार की रात 12 बजे अचानक एंबुलेंस सेवा ठप किए जाने के बाद से मरीज बेहाल हैं। उन्हें तीमारदार निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचा रहे हैं। हड़ताल का फायदा निजी एंबुलेंस संचालक भी उठा रहे हैं। वह अस्पताल पहुंचाने का ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।

प्रदेश में 108, 102 व एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीकेईएमआरआइ के यूपी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि एंबुलेंस पर तैनात 570 ड्राइवर व ईएमटी को बर्खास्त कर दिया गया है। यह वे कर्मचारी हैं जो लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और खेमेबाजी कर दूसरे एंबुलेंस कर्मियों को भी हड़ताल करने के लिए उकसा रहे हैं। रेड्डी ने ऐसे और कर्मचारियों को चिन्हित कर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है।

उधर हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि एएलएस एंबुलेंस सेवा जिगित्सा हेल्थ केयर को दी जा रही है और वह 13,500 रुपये की बजाए 10 हजार महीना मानदेय ही देने की बात कर रहे हैं, जबकि 20 हजार रुपये प्रशिक्षण के नाम पर मांगे जा रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि ऐसे में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से एंबुलेंस का संचालन न किया जाए और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एंबुलेंस कर्मियों को संविदा पर तैनात कर काम लिया जाए। उधर अधिकारी इस पर राजी नहीं हैं।

प्रदेश में 4720 एंबुलेंस में 23 हजार कर्मचारी कार्यरत : यूपी में 108 एंबुलेंस सेवा की 2200, 102 एंबुलेंस सेवा की 2270 और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) की 250 एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। ऐसे में कुल 4720 एंबुलेंस में करीब 23 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।

बढ़ी मांगों से बिगड़ गई बात : प्रदेश में एएलएस एंबुलेंस सेवा की 250 एंबुलेंस चलाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर को दी गई है। इसमें कार्यरत करीब एक हजार कर्मचारियों को अभी तक जीवीकेईएमआरआइ प्रति माह 13,500 रुपये मानदेय दे रही है, लेकिन नई कंपनी ने 10 हजार रुपये वेतन और 20 हजार रुपये ट्रेङ्क्षनग के जमा करने को कहा। ऐसे में एलएलएस कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इनके समर्थन में 108 एंबुलेंस सेवा व 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मी भी सोमवार से हड़ताल पर चले गए। फिलहाल एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुराना मानदेय ही दिलाने की मांग मान ली, लेकिन अब कर्मचारी सेवा प्रदाता की बजाए सीधे एनएचएम के संविदा कर्मी के रूप में तैनात किए जाने की मांग कर रहे हैं।

कर रहे वैकल्पिक व्यवस्था : स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सि‍ंह का कहना है कि एंबुलेंस कर्मियों की जायज मांगें पूरी की जा रही हैं, फिर भी वह तरह-तरह की दूसरी मांगें रख रहे हैं। सभी डीएम को तत्काल एंबुलेंस की चाबी जमा कराकर आरटीओ की मदद से ड्राइवर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। कंपनी को भी सख्ती के निर्देश दिए गए हैं। 60 प्रतिशत तक एंबुलेंस चलने लगी हैं और गुरुवार तक सभी चलने लगेंगी।

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