बहराइच में मरीज को ले जा रही एंबुलेंस रास्ते में खराब, ट्रैक्टर से खिंचवाकर पहुंचाई गई सीएचसी
बहराइच में एंबुलेंस सेवा का हाल बेहाल है। लोगों के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली एंबुलेंस सेवा बद से बदतर हालत में पहुंच गई। इसको लेकर शिकायतें भी होती रहती हैं फिर भी हालत जस की तस है। फिर भी आला अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेंग रही है।
बहराइच, [संतोष श्रीवास्तव]। जिले में एंबुलेंस सेवा का हाल बेहाल है। लोगों के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली एंबुलेंस सेवा बद से बदतर हालत में पहुंच गई है। इसको लेकर शिकायतें भी होती रहती हैं, फिर भी हालत जस की तस बना हुआ है। बेहाल हो रही एंबुलेंस का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। हालात ये है कि मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस को ट्रैक्टर से खींचना पड़ता है तो कहीं वाहन में मरीज की जगह मोटरसाइकिल ढोने का काम किया जा रहा है।
मरीज ले जा रही एंबुलेंस ने रास्ते में तोड़ा दम: कैसरगंज निवासी राममिलन की 15 वर्षीय पुत्री को सांस लेने में परेशानी होने पर परिवारजन ने 108 एंबुलेंस से मरीज को लेकर सीएचसी के लिए रवाना हुए। जरवल कस्बा के पास मरीज को ले जा रही एंबुलेंस जरवल कस्बा के पास बीबीपुर मार्ग पर खराब हो गई। चालक के काफी देर तक प्रयास करने के बाद भी काफी देर तक एंबुलेंस ठीक नहीं हो सकी। काफी जद्दोजहद के बाद ट्रैक्टर से एंबुलेंस को खिंचवाकर सीएचसी तक पहुंचाया गया।
ये है एंबुलेंस के हाल: जिले में कुल 83 एंबुलेंस संचालित है, इनमें चार एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस), 37 एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट (108) व 41 एंबुलेंस मदर चाइल्ड सर्विस (102) में चल रही हैं। एंबुलेंस के रखरखाव के नाम पर प्रति माह मोटी रकम भी खर्च की जाती है, लेकिन हर माह एंबुलेंस मरम्मत के बावजूद सड़क पर एंबुलेंस कब खड़ी हो जाए, कुछ पता नहीं। इसका खामियाजा एंबुलेंस में सवार मरीजों को भुगतना पड़ सकता है। यही नहीं इन एंबुलेंस का अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है।
जिला प्रोग्राम मैनेजर एंबुलेंस सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि चार एंबुलेंस को बैकअप के लिए रखा गया है। अगर कही कोई एंबुलेंस खराब हो जाती है तो तत्काल मुख्यालय से भेजा जाता है। समय-समय पर सभी वाहनों की मरम्मत कराकर खामियों को भी दूर किया है।