अवध शिल्प ग्राम में बनेगा हजार बेड का वैकल्पिक Covid-Hospital, डॉक्टर व नर्सों की 25 टीम होगी तैनात

लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में बनेगा हजार बेड का वैकल्पिक हॉस्पिटल 25 टीमों में तीन डॉक्टर छह नर्सों की होगी तैनाती।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 11:10 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 04:41 PM (IST)
अवध शिल्प ग्राम में बनेगा हजार बेड का वैकल्पिक Covid-Hospital, डॉक्टर व नर्सों की 25 टीम होगी तैनात
अवध शिल्प ग्राम में बनेगा हजार बेड का वैकल्पिक Covid-Hospital, डॉक्टर व नर्सों की 25 टीम होगी तैनात

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते राजधानी में लगातार मरीज बढ़ रहे हैं। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अवध शिल्प ग्राम में एक हजार बेड वाला वैकल्पिक अस्पताल बनेगा जिसमें आइसोलेशन वार्ड सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। इसके लिए तीन डॉक्टर व छह नर्सों की 25 टीमों की तैनाती होगी। शहर में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, कोरोना से बचाव के लिए कोविड-19 अस्पतालों में 50 फीसद बेड फुल हो चुके हैं। ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवध शिल्प ग्राम में एक हजार बेड का नया कोविड हॉस्पिटल बनाने की तैयारी की जा रही है।

इस बाबत, शनिवार को एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि शहीद पथ स्थित अवध शिल्पग्राम में कोरोना संक्रमितों को रखने की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें करीब हजार बेड होंगे जिनमें क्वारंटाइन बेड सहित आइसोलेशन बेड होंगे ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को भर्ती किया जा सके। वहीं, करीब सौ-सौ बेड के दस केबिन अलग बनाए जाएंगे जिनको जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जा सकेगा।

बता दें, वर्तमान में केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआइ सहित एलबीआरएन, ईएसआइ, लोकबंधु, रामसागर मिश्र हॉस्पिटल में लगभग सभी बेड फुल हो चुके हैं। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर यह व्यवस्था की है।

केजीएमयू में कोरोना की पीपीपी मॉडल पर जांच शुरू

केजीएमयू में कोरोना की पीपीपी मॉडल पर जांच शुरू हो गई है। वृद्धावस्था मानसिक रोग विभाग में बनी लैब रन कर दी गई है। शनिवार को करीब दो सौ टेस्ट किए गए हैं। पहले दिन मरीजों की जांचें फ्री ही हुई हैं।

केजीएमयू में हर रोज चार सौ के करीब मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं। ट्रॉमा सेंटर, लारी, क्वीनमेरी में आने वाले मरीजों की समय पर जांच होने मेें दिक्कत हो रही थी। मरीजों को 18 से 24 घंटे तक जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में होल्डिंग एरिया में मरीज पड़े रहते थे। वहीं अब वृद्धावस्था मानिसक रोग विभाग में पीपीपी मॉडल पर लैब बनाई गई है। इसमें दो से तीन घंटे में मरीजों को रिपोर्ट मिलने लगी है। पीपीपी मॉडल पर मरीजों का जांच शुल्क 1500 रुपये तय किया गया है। इसमें पॉजिटिव आने वाले मरीजों के पैसे वापस होंगे। उनका इलाज भी फ्री होगा। वहीं शनिवार को मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया गया।

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