लखनऊ में 16 साल बाद भी आवंटी नहीं खोज पा रहे बसंत कुंज योजना में अपना प्लॉट
लखनऊ न साइन बोर्ड न सड़के बनी और न प्लॉट नंबर कही लिखा। सेक्टर ओ व एन सबसे उजड़े हुए सेक्टर अभियंताओं की अनदेखी। पीएम आवास बना रहे ठेकेदारों ने बताया कि अभी कम से कम छह से आठ माह का समय लगेगा तब यह रहने लायक बनेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने सोलह साल बाद हरदोई रोड स्थित आवंटी को कागजों पर प्लॉट तो दे दिया, लेकिन उन्हें आवंटी खोज नहीं पा रहे हैं। कारण यहां सेक्टर 'ओ' व 'एन' में सबसे अधिक भूखंड दिए गए हैं। इसके बाद भी अभियंताओं ने पूरी योजना में न तो सेक्टर का कोई साइन बोर्ड लगवाया है और न प्लॉट नंबर लिखवाया है।
यहां खराब सड़के, नाली व सीवर का काम अधूरा है। पार्कों का सुंदरीकरण जैसा कोई काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में यहां भूखंड के दाम जिस गति से बढ़ने चाहिए थे, नहीं बढ़े। प्लॉट पाने वाले लोगों को संतोष है कि 16 साल बाद लविप्रा ने न्याय किया, लेकिन कीमतें और विकास कार्य न होने से निराशा भी। वहीं, बसंत कुंज योजना में अभियंत्रण से जुड़े अभियंता विशेष रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने चंद दिनों पहले बसंत कुंज का दौरा किया था। यहां बन रहे राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल और पीएम आवास का निरीक्षण किया था। पीएम आवास के पास तो ठेकेदार अपना काम कर रहे हैं लेकिन जहां प्लॉट आवंटित किए गए हैं, वहां दयनीय स्थिति है। प्लॉटों से ज्यादा बेहतर स्थिति पड़ोस के बीरा नगर गांव की है। सेक्टर ओ व सेक्टर एन में 655 आवंटी को प्लॉट दिए गए हैं, यही सेक्टर सबसे ज्यादा उजड़े हुए हैं।
बसंत कुंज में पीएम आवास के लिए करना होगा इंतजार: बसंत कुंज योजना के लिए लॉटरी भले होने जा रही है, लेकिन लॉटरी निकलने के बाद आवंटियों को अपने फ्लैट में कब्जा पाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ेगा। मौके पर न तो फ्लैट तैयार है और न मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। पीएम आवास बना रहे ठेकेदारों ने बताया कि अभी कम से कम छह से आठ माह का समय लगेगा, तब यह रहने लायक बनेंगे।