Allahabad High Court News: छात्रों से विलंब शुल्क वसूलने पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- यह धोखाधड़ी जैसा कृत्य

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने परीक्षा शुल्क देर से जमा करने पर प्रति छात्र पांच सौ रुपये का विलंब शुल्क जमा करने का निर्देश दिया था। कालेजों ने याचिकाएं दाखिल कीं। जिस पर अंतरिम राहत देते हुए हाई कोर्ट ने प्रति छात्र 250 रूपये विलंब शुल्क जमा करने का आदेश दिया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:52 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:20 AM (IST)
Allahabad High Court News: छात्रों से विलंब शुल्क वसूलने पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- यह धोखाधड़ी जैसा कृत्य
राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों को रोक लगाने का दिया आदेश।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने डिग्री कालेजों द्वारा अपने छात्रों से विलंब शुल्क वसूलने पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी बताते हुए राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों को इसे रोकने के लिए कदम उठाने के आदेश दिए हैं। यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी की एकल पीठ ने लखनऊ विवि से संबद्ध राम अवतार कल्याणी देवी कन्या महाविद्यालय, माधुरी सिंह महाविद्यालय व श्री जगदेव सिंह महाविद्यालय की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। 

दरअसल लखनऊ यूनिवर्सिटी ने परीक्षा शुल्क देर से जमा करने पर इन कालेजों को प्रति छात्र पांच सौ रुपये का विलंब शुल्क जमा करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद कालेजों ने याचिकाएं दाखिल कीं। जिस पर अंतरिम राहत देते हुए हाई कोर्ट ने प्रति छात्र 250 रूपये विलंब शुल्क जमा करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में विवि ने अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए, विलम्ब शुल्क को ढाई सौ रुपये ही कर दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान विवि के अधिवक्ता ने दलील दी कि याची कालेज दाखिले के समय ही छात्रों से पूरा शुल्क वसूल लेते हैं लेकिन हर साल वे परीक्षा शुल्क जमा करने में देरी करते हैं। जिस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे कालेज बाद में विलंब शुल्क छात्रों से वसूल करते हैं, ये छात्रों और विश्वविद्यालय दोनों के साथ धोखा है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है कि ऐसे कालेज विलंब शुल्क छात्रों से न वसूल कर सकें। कोर्ट ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालयों को अकादमिक सत्र की शुरूआत में ही यह प्रावधान करना चाहिए।

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