UP: प्राइमरी स्कूलों के 1 करोड़ 85 लाख छात्रों को अगस्त तक मिल जाएंगी फ्री किताबें, शिक्षक पहुचाएंगे घर

यूपी में प्राइमरी स्कूलों में किताबों के बिना बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए शिक्षक छात्रों के घर तक पुस्तकें पहुंचा रहे हैं। अगस्त के अंत तक प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ 85 लाख से अधिक बच्चे को निश्शुल्क किताबें मुहैया कराने की तैयारी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:06 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 01:09 AM (IST)
UP: प्राइमरी स्कूलों के 1 करोड़ 85 लाख छात्रों को अगस्त तक मिल जाएंगी फ्री किताबें, शिक्षक पहुचाएंगे घर
यूपी में प्राइमरी स्कूलों के सभी एक करोड़ 85 लाख छात्रों को अगस्त तक मुफ्त किताबें मिल जाएंगी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक से पहले ही स्कूल और कालेज बंद हो गए थे। अब भी छात्र-छात्राओं को विद्यालय नहीं बुलाया जा रहा, लेकिन ऐसे विकट दौर में भी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हुई। गर्मी की छुट्टियों से यहां आनलाइन पढ़ाई चल रही है। किताबों के बिना बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए शिक्षक छात्रों के घर तक पुस्तकें पहुंचा रहे हैं। अगस्त के अंत तक प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ 85 लाख से अधिक बच्चे को निश्शुल्क किताबें मुहैया कराने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि अब तक 65 प्रतिशत किताबों का मुद्रण कराकर जिलों में भेजा जा चुका हैं। हर जिले में किताबें छात्रों को वितरित की जा रही हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक, राजकीय, सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल, माध्यमिक विद्यालयों व सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों व कार्य पुस्तिकाओं का वितरण बेसिक शिक्षा विभाग कराता है। वर्तमान शैक्षिक सत्र 2021-22 में एक करोड़ 85 लाख से अधिक छात्रों को पुस्तकों का वितरण होना है।

पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया प्रदेश में पुस्तकों के मुद्रण का कार्य तेजी से चल रहा है। कक्षा एक से आठ तक के छात्रों की 65 प्रतिशत किताबें छप चुकी हैं, शेष 35 प्रतिशत किताबों का मुद्रण अगस्त के दूसरे सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। किताबों को जिलों में भेजने का काम भी साथ चल रहा है, ताकि जिलों से छात्रों तक किताबें जल्द पहुंच सके। पुस्तक वितरण में शिक्षकों को लगाया गया है, जो छात्रों के घर जाकर किताबें पहुंचा रहे हैं।

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