ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेटियों पर जुल्म व दहेज प्रथा रोकने का उठाया बीड़ा, शुरू किया अभियान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने के साथ ही रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने का ऐलान किया है। बोर्ड ने इसके लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन कांफ्रेंस भी की थी। इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी बोर्ड ने ट्वीट कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 09:41 PM (IST)
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बेटियों पर जुल्म व दहेज प्रथा रोकने का उठाया बीड़ा, शुरू किया अभियान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए अभियान शुरू किया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। बोर्ड ने बेटियों पर जुल्म व दहेज प्रथा रोकने का भी बीड़ा उठाया है। बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी को इसकी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। बड़े होटलों व महंगे वेडिंग हालों में भी शादियां न करने की सलाह दी जा रही है। बोर्ड पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करने व इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करने का भी संदेश दे रहा है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने के साथ ही रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने का ऐलान किया है। बोर्ड ने इसके लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन कांफ्रेंस भी की थी। इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी बोर्ड ने ट्वीट कर दी। इसमें कहा गया- 'शादी को सरल और आसान बनाना बहुत जरूरी है। मुसलमानों को बड़े होटलों और महंगे वेडिंग हॉलों में विवाह समारोह नहीं करने चाहिए। इसी तरह, प्रचलित दहेज, बरात और अन्य अनुष्ठानों से बचें और अपने आप को और दूसरों को बचाएं।

अपनी पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करें, और इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करें। : मौलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी अध्यक्ष : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (2/2)

— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) March 22, 2021

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद राबे हसनी नदवी ने कहा कि अपनी पत्नियों के साथ अच्छा व्यवहार करें और इस्लामी शिक्षाओं को अपनाकर सफलता और समृद्धि प्राप्त करें। बोर्ड ने बताया कि दहेज प्रथा के खिलाफ महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के उलमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अभियान शुरू किया जा चुका है। अन्य राज्यों में काम कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा। बोर्ड ने यह भी तय किया है कि जिस शादी में दहेज के लिए जबरन लेन-देन होता है, उसमें उलमा और काजी शामिल न हों, यह कदम बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

chat bot
आपका साथी