UP : अलग-अलग विश्वविद्यालय से संबद्धता का झंझट खत्म, आयुष छात्रों को अब एक यूनिवर्सिटी से मिलेगी डिग्री
आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में बन रही आयुष यूनिवर्सिटी से होंगे संबद्ध। आयुष यूनिवर्सिटी से संबद्धता होने पर सभी की एक ही विश्वविद्यालय की डिग्री होगी। शैक्षणिक ढांचे में भी बदलाव होगा। सभी कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र का समान कैलेंडर होगा।
लखनऊ, [संदीप पांडेय]। आयुष छात्रों को एक यूनिवर्सिटी की डिग्री मिलेगी। आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ कॉलेजों की अलग-अलग विश्वविद्यालय से संबद्धता का झंझट खत्म होगा। नए सत्र में सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर की आयुष यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगे।
आयुष विधा के पाठ्यक्रमों के बेहतर संचालन के लिए गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी का निर्माण राज्य सरकार की प्रामिकता में होगी। इसमें आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ के सरकारी-निजी सभी कॉलेज संबद्ध होंगे। पहले सभी छात्रों को अलग-अलग यूनिवर्सिटी की डिग्री मिलती थी। अब आयुष यूनिवर्सिटी से संबद्धता होने पर सभी की एक ही विश्वविद्यालय की डिग्री होगी। शैक्षणिक ढांचे में भी बदलाव होगा। सभी कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र का समान कैलेंडर होगा। लिहाजा, समयगत परीक्षाएं व परिणाम जारी हो सकेंगे। निजी कॉलेजों में गुणवत्तापरक पढ़ाई पर जोर होगा।
पहले चरण में एकेडमिक विंंग का संचालन
आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंंह के मुताबिक आयुष यूनिवर्सिटी सरकार की प्राथमिकता में है। इसका कई चरणों में विस्तार होगा। पहले एकेडिमक- एडमिनिस्ट्रेशन विंंग का संचालन होगा। उम्मीद है आगामी सत्र से सरकारी व निजी कॉलेजों की यूनिवर्सिटी की संबद्धता शुरू कर दी जाए। इसके बाद हॉस्पिटल सेवाएं भी शुरू करने का प्लान है। यहां आयुष के क्षेत्र में शोध को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
कुछ खास तथ्य राज्य में आयुष कॉलेज : 92 आयुर्वेद के सरकारी कॉलेज : 08 आयुर्वेद के निजी कॉलेज : 57 यूनानी के सरकारी कॉलेज : 02 यूनानी के प्राइवेट कॉलेज : 13 होम्योपैथ के सरकारी कॉलेज : 09 होम्योपैथ के निजी कॉलेज : 03 लखनऊ में आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथ के 03-03 कॉलेज करीब 7 हजार यूजी-पीजी की सीटें हैं