Ayodhya Structure Demolition Case: फैसले को लेकर यूपी में अलर्ट, संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस केस में बुधवार को फैसला आने से पहले पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। लखनऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पीएसी तैनात किए जाने के साथ ही पुलिस अधिकारियों को भ्रमणशील रहकर शांति व्यवस्था कायम रखने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 07:20 AM (IST)
Ayodhya Structure Demolition Case: फैसले को लेकर यूपी में अलर्ट, संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता
अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस केस में बुधवार को फैसला आने से पहले पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है।

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस केस में बुधवार को फैसला आने से पहले पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। विभिन्न जिलों में पीएसी की 68 अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं। लखनऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पीएसी तैनात किए जाने के साथ ही पुलिस अधिकारियों को भ्रमणशील रहकर शांति व्यवस्था कायम रखने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में सेक्टर स्कीम के तहत अतिरिक्त सुरक्षा व सतर्कता बरती जाएगी। सूबे के विभिन्न जिलों में पीएसी की 68 अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं। लखनऊ में तीन कंपनी अतरिक्त पीएसी तैनात किए जाने के साथ ही सभी जोन मुख्यालयों में भी पीएसी बल रिजर्व में रहेगा। सहारनपुर, मेरठ, बरेली, अलीगढ़ समेत अन्य करीब 22 संवेदनशील जिलों में भी पीएसी व पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। लखनऊ में एएसपी व सीओ स्तर के अतिरिक्त अधिकारियों को लगाया गया है।

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस केस के फैसले के दृष्टिगत पुलिस पहले से ही सोशल मीडिया की मॉनीटरिंग कर रही है। अब खासकर संवेदनशील व आपत्तिजनक संदेशों पर कड़ी नजर रखने व कहीं कोई गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अयोध्या, मथुरा व वाराणसी में भी अलर्ट के तहत चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता किए जाने का निर्देश दिया गया है।

रामनगरी में सख्त पहरा, सुरक्षा तंत्र हाई अलर्ट : विवादित ढांचा ध्वंस मामले में बुधवार को फैसला आने से पहले ही रामनगरी अयोध्या में निगरानी बढ़ा दी गई है। धारा-144 पहले से ही लागू है। डीआइजी दीपक कुमार ने मंगलवार को फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व निगरानी के इंतजाम की समीक्षा की। डीआइजी ने रामनगरी में भीड़ एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी है। बाहरी लोगों से कड़ी पूछताछ और अयोध्या आने का वाजिब कारण जानने के बाद ही उन्हें रामनगरी में प्रवेश देने पर निर्णय लिया जाएगा। रामनगरी में प्रवेश करने वालों का पहचान पत्र भी पुलिस देखेगी। निगरानी के लिए सादे वस्त्रों में पुलिसकर्मियों का एक अलग दल रामनगरी में तैनात कर दिया गया है। इनका दायित्व आम लोगों के बीच घुलमिल कर इनपुट एकत्र कराना और संदिग्धों की धरपकड़ करना है।

श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला की सुरक्षा बढ़ी : श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। कार्यशाला के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। डीआइजी ने मंगलवार को रामनगरी पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था देखी। सुरक्षा प्वाइंटों पर तैनात किए गए पुलिस कर्मियों को हर पल सतर्क रहने की हिदायत दी। डीआइजी ने कहाकि कोई भी व्यक्ति संदिग्ध दिखाई दिखे तो तत्काल उससे पूछताछ करें। उच्चाधिकारियों को सूचना दें। डीआइजी ने रामनगरी की आम जनता से भी आह्वान किया कि सड़क पर अनावश्यक रूप से एकत्र न हों। बुधवार को बाइक, कार व टेंपो सहित सभी वाहनों को चेकिंग के बाद ही रामनगरी में प्रवेश दिया जाएगा।

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