Ajit Singh Murder Case Update: फाइलों में ही न सिमट जाए अजीत हत्याकांड, 10 दिन बीतने के बाद भी लखनऊ पुलिस खाली हाथ
Ajit Singh Murder Case Update मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत और तारिक हत्याकांड का आज तक नहीं हुआ राजफाश। गैंगवार बताकर शांत बैठ जाती है पुलिस। अजीत हत्याकांड में डॉक्टर और पूर्व सांसद पर पुलिस कर रही मेहरबानी।
लखनऊ, जेएनएन। Ajit Singh Murder Case Update: मऊ के ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि व आजमगढ़ के पूर्व विधायक सीपू सिंह मर्डर केस के गवाह अजीत सिंह के हत्या मामले के 10 दिन बीत गए। दिल्ली पुलिस ने इनामी शूटर गिरधारी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन राजधानी पुलिस एक भी शूटर नहीं पकड़ सकी। यही नहीं, हत्याकांड के पीछे छिपे साजिशकर्ता का नाम तक नहीं सामने आया।
पहले भी मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत और फिर तारिक की हत्या को गैंगवार बताया गया था, जो आज तक फाइलों में ही बंद है। अब सवाल यह है कि क्या अजीत हत्याकांड भी फाइलों में ही सिमट जाएगा या फिर रहस्यों से पर्दा भी उठाया जाएगा।
लखनऊ पुलिस अभी तक गिरधारी को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए दिल्ली नहीं गई है। गिरधारी तिहाड़ जेल में बंद है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हमलावरों के मददगारों के मुंबई में छिपे होने की सूचना पर पुलिस की एक टीम वहां भेजी गई है। हालांकि, अभी तक न तो मददगार मिले हैं और न ही अजीत पर गोलियां बरसाने वाले तीन अन्य शूटर।
सुलतानपुर के डॉक्टर से अब तक पूछताछ नहीं: खास बात यह है कि सुलतानपुर में नर्सिंग होम का संचालन करने वाला डॉक्टर भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। चिकित्सक के प्रभाव में आकर पुलिस ने उससे न तो पूछताछ की और न ही यह पूछा कि शूटर को अस्पताल में भर्ती करने के लिए किसने कहा था? माना जा रहा है कि चिकित्सक के बयान से पूर्वांचल के पूर्व सांसद व बाहुबली का नाम सार्वजनिक हो जाएगा। यही वजह है कि पुलिस चिकित्सक से पूछताछ नहीं कर रही है। यही नहीं, घायल शूटर कहां है, इसके बारे में भी पुलिसकर्मी अंजान हैं।
छह जनवरी को 22 गोलियां मारी गई अजीत को: गौरतलब है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मूलरूप से मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना निवासी अजीत सिंह की छह जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड में कठौता चौराहे के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने अजीत को 22 गोलियां मारी थीं। अजीत आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में गवाह थे। अजीत के साथी मोहर सिंह ने आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, गिरधारी और अखंड सिंह समेत अन्य के खिलाफ साजिश के तहत हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी।