यूपी में तीन लाख टन डीएपी मुहैया कराएगी केंद्र सरकार, बोले कृष‍ि मंत्री- क‍िसी भी ज‍िले में यूर‍िया की कमी नहीं

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि 10 नवंबर तक भरपूर होगी खाद एक सप्ताह में उर्वरक की 19 रैक की होगी आपूर्ति। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि खाद निर्माता कंपनियों से आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष खाद की शीघ्र आपूर्ति कराएं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 12:20 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 12:20 AM (IST)
यूपी में तीन लाख टन डीएपी मुहैया कराएगी केंद्र सरकार, बोले कृष‍ि मंत्री- क‍िसी भी ज‍िले में यूर‍िया की कमी नहीं
कृषि मंत्री ने उर्वरक की उपलब्धता व वितरण की अधिकारियों के साथ समीक्षा की।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कृषि विभाग के अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि 10 नवंबर तक तीन लाख टन डीएपी व .50 लाख टन एनपीके प्रदेश में उपलब्ध हो जाएगी। सभी जिलों में यूरिया, डीएपी व एनपीके का पर्याप्त स्टाक है। कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि खाद निर्माता कंपनियों से आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष खाद की शीघ्र आपूर्ति कराएं।

कृषि मंत्री ने बुधवार को विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में प्रदेश में खाद की उपलब्धता व वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन जिलों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष खाद कम है, वहां प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति की जाए।

खाद की कमी के कारण किसानों को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषिमंत्री को बताया गया कि एक सप्ताह में खाद की 19 रैक की जिलों में आपूर्ति होगी। सूबे में रबी सीजन के लिए 3.36 लाख टन डीएपी, 1.91 लाख टन एनपीके सहित कुल 5.27 लाख टन फास्फेटिक खाद की उपलब्ध है।

कृषि मंत्री ने कहा कि अंतर्राज्यीय व अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में खाद बिक्री की सख्त निगरानी की जाए। वितरण में पूरी पारदर्शिता रहे, किसी भी प्रकार की अनियमितता होने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसानों को पहचानपत्र के आधार पर उनकी जोत व फसल के लिए संस्तुत मात्रा के अनुसार ही खाद उपलब्ध कराई जाए, ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग व कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में दुरुपयोग न हो सके। जहां पर कालाबाजारी, जमाखोरी या निर्धारित मूल्य से अधिक दरों पर बिक्री की शिकायतें मिले वहां क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में वितरण कराया जाए। फुटकर विक्रेता भी बिना जोत-बही के डीएपी की बिक्री न करें। बैठक में कृषि निदेशक विवेक स‍िंह, संयुक्त निदेशक (फर्टिलाइजर) अनिल कुमार पाठक व संयुक्त निदेशक (ब्यूरो) आरके सि‍ंह उपस्थित थे।

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