खेतों में न जलाएं पराली, बचेंगे 20 हजार; लखनऊ में कृषि विभाग ने कि‍सानों को बताए फायदे

धान की कटाई शुरू हो चुकी है। बारिश ने भले ही विघ्न डाल दिया हो लेकिन खेतों में धान पक चुका है। कटाई के बाद किसान पराली जलाने की फिराक में हैं। लखनऊ में कृषि विभाग पराली जलाने पर कार्रवाई की चेतावनी दे रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:28 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:40 PM (IST)
खेतों में न जलाएं पराली, बचेंगे 20 हजार; लखनऊ में कृषि विभाग ने कि‍सानों को बताए फायदे
कृषि विभाग ने किसानों से की अपील, जलाने से नष्ट होते हैं पोषक तत्व।

लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। धान की कटाई शुरू हो चुकी है। बारिश ने भले ही विघ्न डाल दिया हो, लेकिन खेतों में धान पक चुका है। कटाई के बाद किसान पराली जलाने की फिराक में हैं। कृषि विभाग जहां एक ओर कार्रवाई की चेतावनी दे रहा है तो दूसरी ओर पराली न जलाने पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की बचत की बात भी किसानों को समझा रहा है। उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पराली न जलाने पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की बचत होती है जिसका फायदा सीधे किसानों को होता है।

पराली न जलाने से खाद की मात्रा कम होने के साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व कम नहीं होते हैं। किसान पराली जलाता है उसे नुकसान के साथ ही आर्थिक दंड का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। न्यायालय के आदेश पर पराली जलाने पर एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। लखनऊ में 187 गांवों में वाल पेंटिंग के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी व जिला कृषि रक्षा अधिकारी की ओर से भी गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। पराली से कृषि योग्य भूमि के ऊसर में तब्दील होने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

पराली जलाना पड़ा महंगा: खेतों में पराली जलाना किसानों के लिए महंगा पड़ने लगा है। बीते साल नगराम में संजय सिंह ने थाना नगराम में पराली जलाने के विरुद्ध अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है तो मोहनलालगंज के अचली खेड़ा निवासी अशोक कुमार और इसी गांव के रामसेवक के विरुद्ध मोहनलालगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सरोजनीनगर में तहसीलदार की ओर से बिजनौर के विनोद कुमार सिंह व राजू पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया है। जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि सभी किसानों को पराली न जलाने और उससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद किसान मान नहीं रहे हैं। इसकी वजह से उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जारी है। इस वर्ष भी किसानों को चेतावनी दी गई है।

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