अभी यूपी में डरा रहीं गंगा, गोमती और सरयू के बाद जौरहा नदी भी उफनाई, गांवों से पलायन कर रहे लोग

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विभीषिका कम हुई लेकिन फर्रुखाबाद कन्नौज और उन्नाव में गंगा का पानी बढ़ने से तेज हुई कटान के कारण चिंता बढ़ गई है। लखीमपुर में गोमती और सरयू के बाद जौरहा नदी के उफनाने से तटवर्ती इलाकों में खौफ पसर गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:28 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:28 PM (IST)
अभी यूपी में डरा रहीं गंगा, गोमती और सरयू के बाद जौरहा नदी भी उफनाई, गांवों से पलायन कर रहे लोग
फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव में गंगा का पानी बढ़ने से तेज हुई कटान के कारण चिंता बढ़ गई है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विभीषिका कम हुई, लेकिन फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव में गंगा का पानी बढ़ने से तेज हुई कटान के कारण चिंता बढ़ गई है। लखीमपुर में गोमती और सरयू के बाद जौरहा नदी के उफनाने से तटवर्ती इलाकों में खौफ पसर गया है। बरेली और बदायूं में नदियों का जलस्तर घटने से आपदा का असर कम हुआ है, लेकिन शाहजहांपुर में हालात अब भी खराब हैं।

रविवार को फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 1,24,913 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं, रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 12,631 क्यूसेक व नरौरा बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर है। गंगा से सटे कासिमपुर गांव में बाढ़ आ गई है। गांव से संपर्क कट गया है। उन्नाव जिले में भी गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगी है। बीघापुर के गढ़ेवा-कानपुर मार्ग को कटान के कारण बंद कर दिया गया है। गंजमुरादाबाद, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, परियर गंगाघाट शुक्लागंज में तेजी से कटान शुरू हो गया है।

लखीमपुर खीरी में बाढ़ का खतरा अब भी मंडरा रहा है। मोहम्मदी क्षेत्र में कई वर्षों बाद गोमती के उफनाने से चारों ओर पानी भर गया। वहीं मियांपुर रविंद्र नगर स्थित गोशाला जाने वाले मार्ग और गोशाला के चारों ओर पानी भरने से जानवरों के समक्ष चारे पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। इमलिया घाट के पास राजकीय गोशाला चारों तरफ से पानी से घिर गई। निघासन क्षेत्र में उफनाई सरयू ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है तो वहीं गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए पास के गावों से पलायन तेज हो गया है। बेलरायां क्षेत्र में जौरहा नदी के जलस्तर में हुई अचानक बढ़ोतरी रविवार को भी जारी रही। मोतीपुर का भौका गांव पहले ही टापू बन चुका है। अब अन्य हिस्सों में भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है।

बरेली जिले में रामगंगा का जलस्तर कम होने से किनारे के गांवों में कुछ राहत मिली है। शाहजहांपुर में गर्रा, रामगंगा और गंगा नदी की बाढ़ से 30 गांवों में स्थिति खराब है। बाढ़ से घिरे लोग ट्यूब की नाव बनाकर एक दूसरे की मदद में लगे हैं। दूसरी ओर प्रशासन की टीम ने बस्ती नगला में फंसे 125 लोगों निकाला। बदायूं व पीलीभीत में भी नदियों का जलस्तर कम हो रहा है।

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